मिथुन राशि के लिए शादी के योग खोलेगा गुरु का गोचर

Friday, Nov 01, 2019 - 10:05 AM (IST)

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लुधियाना (नरेश): ज्योतिष में धन, संतान और विद्या के कारक ग्रह गुरु के 5 नवम्बर को धनु राशि में होने वाले गोचर की इस विशेष शृंखला में आज हम बृहस्पति के गोचर के मिथुन राशि के जातकों पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में बात करेंगे। मिथुन राशि के लिए गुरु 7वें भाव में गोचर करेंगे और अगले साल 20 नवम्बर को गुरु पुन: राशि परिवर्तन करेंगे। 7वें भाव से गुरु का गोचर शुभ समझा जाता है। लिहाजा मिथुन राशि के जातकों को इसका काफी फायदा होगा।

नौकरीपेशा लोगों को मिलेगी तरक्की
मिथुन राशि के जातकों के लिए 7वें भाव से गुरु का गोचर शादी के लिहाज से शुभ है। इस राशि में गुरु शादी वाले भाव के स्वामी भी हैं। लिहाजा केंद्र में आ जाने और 7वें भाव से गोचर के चलते गुरु अपने भाव का फल देंगे और यदि किसी की शादी अटकी हुई है तो शादी की बात पुन: बन सकती है। खासतौर पर महिला जातकों के लिए गुरु का यह गोचर शादी के लिहाज से ज्यादा अहम है।  इस भाव में फिलहाल शनि व केतू भी स्थित है और शनि अगले साल 24 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे तो इसके बाद गुरु स्वतंत्र रूप से अपनी मूल त्रिकोण राशि में खुल कर अपना प्रभाव दिखाएंगे। 7वां भाव पार्टनरशिप का भी भाव है। लिहाजा इस दौरान कारोबारी पार्टनरशिप करने के अच्छे मौके मिल सकते हैं। इस भाव से गुरु की लग्र पर दृष्टि न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से शुभ रहेगी बल्कि इस दौरान धनु राशि के जातकों की तमाम योजनाएं सिरे चढ़ सकेंगी। 7वें भाव में गोचर कर रहे गुरु की दृष्टि 11वें भाव पर पड़ेगी। धन भाव पर गुरु की दृष्टि से नौकरीपेशा लोगों को तरक्की मिलने के आसार हैं जिनका इंक्रीमैंट रुका है उन्हें इंक्रीमैंट मिल सकता है जबकि कारोबार के लिहाज से भी गुरु का गोचर शुभ है क्योंकि इस दौरान रुका हुआ पैसा भी वापस आ सकता है। गुरु की पराक्रम भाव पर दृष्टि न सिर्फ इस राशि के जातकों को बड़े फैसले लेने में सक्षम बनाएगी बल्कि भाई-बहनों से भी सहयोग मिलता रहेगा और भाई-बहनों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। 

महादशा का फल भी मिलता रहेगा
हालांकि मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर शुभ है और गुरु अपने स्वतंत्र कारकों का पूरा परिणाम देंगे। इस राशि में गुरु 2 केंद्र स्थानों 7वें और 10वें स्थान के स्वामी बन जाते हैं। लिहाजा इन दोनों स्थानों से संबंधित फलों में इजाफा होगा लेकिन यदि कुंडली में किसी पापी ग्रह की महादशा चल रही है तो उसका प्रभाव भी साथ ही चलता रहेगा। लेकिन गुरु का गोचर उन सारे मामलों में शुभ रहेगा जिनके गुरु स्वतंत्र कारक हैं या कुंडली में जिन स्थानों का स्वामित्व रखते हैं।

      

Niyati Bhandari

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