बदलने लगी है गृहमंत्रालय की कार्य संस्कृति, शाह खुद से पेश कर रहे हैं उदाहरण

Saturday, Jun 08, 2019 - 09:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में नई सरकार नए गृह मंत्री और देश की 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले गृह मंत्रालय की कार्य संस्कृति भी अब तेजी से बदलने लगी है। मंत्रालय और अधिकारी की चुस्ती बढ़ने लगी है और जाहिर तौर पर श्रेय नए गृह मंत्री अमित शाह को दिया जा रहा है। अभी महज एक सप्ताह का वक्त गुजरा है। लेकिन मंत्रालय के गलियारों में यह स्पष्ट सुना जा सकता है कि जो कुछ अब तक चलता रहा। वह अब नहीं चलेगा और जो भी यहां टिकना चाहता है, उसे बदलना होगा।

अधिकारियों ने बंद पड़ी फाइलों को खोलना शुरू किया
पहले दिन से ही शाह ने अधिकारियों को यह संदेश दे दिया है कि देशहित में जो भी फैसला लेना है, उसमें तनिक भी देर नहीं होनी चाहिए। लिहाजा अपने-अपने विभागों का प्रजेंटेंशन तैयार करें तो यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि और क्या किया जाना चाहिए। ऐसे कौन से मामले हैं, जो किसी हिचक के कारण अटके पड़े हैं। लिहाजा अधिकारियों ने न सिर्फ फाइलों पर पड़ी धूल साफ करनी शुरू की है, बल्कि अपनी सोच को विस्तार देना भी शुरू कर दिया है। उन्हें यह साबित करना होगा कि आंतरिक सुरक्षाके जिम्मेदार गृह मंत्रालय में उनकी उपयोगिता है।

संगठन में अपनी मेहनत को लोहा मनवा चुके शाह पहले दिन से ही मंत्रालय में इसका उदाहरण पेश कर दिया है। उनके प्राथमिकता तय होती है और छुट्टियों में भी ऑफिस आना उनके लिए सहज है। यही कारण है कि अधिकारी भी अब सुबह जल्द आने लगे हैं और देर रात तक बैठने की आदत बनाने लगे हैं। शाह ईद की सार्वजनिक अवकाश के दिन भी काम पर थे और जाहिर है उनके साथ गृह मंत्रालय के अधिकारी भी।

देर से आना, जल्दी जाना अब नहीं चलेगा
गृहमंत्रालय में अधिकारियों के देर से आने और जल्दी चले जाने की समस्या का निदान निकालने की सबसे पहली कोशिश बायोमेट्रिक लगातार पी चिदंबरम ने की थी, लेकिन गृहमंत्री के रूप में वे कभी भी पूरे दिन ऑफिस में नहीं बैठे, जबकि अमित शाह हर दिन लगभग 10 बजे ऑफिस पहुंच जाते हैं और दोपहर का खाना भी वहीं खाते हैं, जबकि अभी तक वरिष्ठ अधिकारियों के भी घर जाकर खाना खाने की परंपरा रही थी।

दफ्तर और संगठन का काम अलग-अलग
गृहमंत्री के रूप में अमित शाह ने एक और नया मापदंड स्थापित किया है। दफ्तर में सिर्फ दफ्तर का काम। पिछले एक हफ्ते में कोई भी बड़ा राजनेता सिर्फ राजनीतिक चर्चा या मुलाकात के लिए गृह मंत्रालय नहीं पहुंचा। राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों की मुलाकात भी कामकाज के सिलसिले में रही। गृहमंत्री और भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद सरकार और पार्टी के काम में स्पष्ट अंतर रखे जाने को इस बात से समझा जा सकता है कि कार्यभार संभालने के समय पार्टी के कुछ लोग भी गृह मंत्रालय पहुंचे थे, लेकिन पांच मिनट में ही उन्हें वापस भेज दिया गया।

पिछले एक हफ्ते में अमित शाह के साथ काम करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, शाह किसी भी विषय में काफी विस्तार से जाते हैं और अधिकारियों को बड़े निर्णय लेने को प्रोत्साहित करते हैं। उनका सिर्फ एक लाइन का निर्देश होता कि फैसला देशहित में होना चाहिए।

Yaspal

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