ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वरूपानन्द ने संघ पर साधा निशाना

Sunday, Dec 25, 2016 - 05:20 PM (IST)

रायपुर : शारदा पीठ एवं ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के द्वारा नागपुर में आज से संस्कृति महाकुंभ के आयोजन के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उसमें ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य की हैसियत से वासुदेवानन्द सरस्वती को बुलाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। सरस्वती ने जारी बयान में कहा कि इलाहाबाद सिविल न्यायालय द्वारा वासुदेवानन्द सरस्वती को शंकराचार्य लिखने पर रोक लगाई जा चुकी है और इसके खिलाफ उनकी अपील को उच्चतम न्यायालय भी खारिज कर चुका है पर इसके बाद भी संघ द्वारा उन्हे शंकराचार्य की हैसियत से बुलाना उसकी निम्न स्तरीय सोच एवं न्यायालय के प्रति अनादर को प्रदर्शित करता है।  

उन्होंने कहा कि एक तरफ पूरा देश विमुद्रीकरण के कारण नोटों की समस्या से गंभीर रूप से जूझ रहा है और लोग अपने पैसे को एटीएम और बैकों से निकालने में कई-कई घंटों कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी तरफ संघ एवं भाजपा पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और वह संस्कृति महाकुंभ में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहें हैं। शंकराचार्य ने कहा कि संस्कृति महाकुंभ का विषय समर्थ भारत रखा गया है जबकि सच यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक रूप से सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है और सकल राष्ट्रीय आय भी घटी है। विमुद्रीकरण के कारण छोटे मध्यम तमाम उद्योग बन्द हो रहे हैं और इसके चलते बेरोजगारी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

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