जज्बा कुछ कर दिखाने काः मजदूर के बेटे को पिटता देखा शुरु किया था सामाजिक अधिकार के लिए संघर्ष

Saturday, Jan 26, 2019 - 03:55 PM (IST)

रोहतक (मैनपाल मुदगिल) : आज गणतंत्र दिवस है। वह दिन जब हम भारतीयों को हमारा संविधान मिला था। जब हमें हमारे अधिकारों और कत्र्तव्यों से रू-ब-रू करवाया गया था। संविधान को लागू हुए आज 69 वर्ष हो गए हैं। बीते इन वर्षों में हमने तरक्की की बुलंदियों को छुआ है और इसके कई आयाम स्थापित किए हैं, लेकिन आज भी हम पूरी तरह से वैसा भारत नहीं बना पाए हैं जैसा संविधान में तय किया गया था। आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों से मिलवाने जा रहे हैं जो ठीक वैसा भारत बनाने में जुटे हैं जैसे भारत की कल्पना गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर और डॉ. भीम राव अंबेडकर ने की थी। हमारा मकसद आपको इन लोगों से सिर्फ रू-ब-रू करवाने का ही नहीं है, बल्कि यह बताने का भी है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद इन्होंने अब तक हार नहीं मानी है।

समानता के अधिकार को दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले नरेश कुमार एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने मजदूरों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। गौरतलब है कि शिक्षा के बिना समान अधिकार हासिल करने के लिए संघर्ष कर पाना  संभव नहीं हो सकता। नरेश कुमार रोहतक में गांधी स्कूल का संचालन करते हैं। इस स्कूल में केवल  मजदूरों के बच्चे ही शिक्षा ग्रहण करते हैं।  गांधी स्कूल में फिलहाल 150 बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। नरेश ने बताया कि करीब 15 साल पहले सैक्टर-4 हाऊसिंग बोर्ड में  एक मजदूर के 6 साल के बच्चे को पिटता हुआ देखकर उनका दिल बहुत दुखी हुआ, इसके बाद  उन्होंने ऐसे बच्चों के लिए कुछ करने के बारे में सोचा। उन्हें लगा कि ऐसे बच्चों को शिक्षा देने का काम करना बहुत जरूरी है। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2005 में 3 बच्चों से गांधी स्कूल की शुरूआत की। पहले नरेश बच्चों को पार्क के अलावा स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठाकर पढ़ाते थे। लेकिन ठंड बढऩे के कारण उन्होंने सैक्टर-4 में एक मकान किराए पर लिया है, जिसमें उसका स्कूल चल रहा है। 

नरेश कुमार के गांधी स्कूल का मुख्य नारा ‘पढ़ेंगे, पढ़ाएंगे, जीवन सफल बनाएंगे’ है। इसी लक्ष्य को लेकर नरेश कुमार बच्चों को शिक्षा देने के साथ  सजग और सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। नि:शुल्क गांधी स्कूल के संचालक नरेश कुमार उच्च शिक्षित होकर भी मजदूर वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। अपने इस पुण्य कार्य से वह संविधान के सामाजिक भाईचारे एवं जीने के अधिकार के लक्ष्य को सार्थक कर रहे हैं। पंजाब केसरी ग्रुप नरेश कुमार के इस सराहनीय कार्य करने के उद्देश्य को नमन करता हैं।

Isha

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