मुंबई की मलिन बस्तियों की महिलाओं के लिए मित्र बनीं ‘‘पुलिस दीदी’’

Sunday, Aug 28, 2016 - 08:24 PM (IST)

मुंबई : सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) अर्चना पाटिल को इन दिनों उपनगरीय क्षेत्र चेंबूर की स्लम बस्तियों की कई महिलाएं दीदी कहने लगी हैं जो आमतौर पर पुलिसकर्मियों से अपनी समस्याएं साझा करने से हिचकती थीं।  मुंबई पुलिस की परियोजना ‘‘पुलिस दीदी’’ के कारण महिलाओं की यह झिझक दूर हो रही हैं ।

अर्चना पाटिल की तरह एक हजार से अधिक एेसी पुलिस दीदी हैं जो अपने आधिकारिक कार्य घंटे के बाद मलिन बस्तियों में बच्चियों और सभी उम्र की महिलाओं से मिलती हैं। ‘‘पुलिस दीदी’’ परियोजना के तहत ये महिला अधिकारी मलिन बस्तियों में जाकर लडकियांे और महिलाओं से मिलती हैं और उनकी समस्याओं खासकर यौन उत्पीडऩ से संबंधित परेशानियों के बारे में उनसे बातचीत करती हैं।

शहर के कुछ गैरसरकारी संगठनों (एनजीआे) के सहयोग से करीब दो साल पहले शुरू की गई इस परियोजना में नगर के 93 थानों की महिलाकर्मियों को शामिल किया गया है। उनमें से अधिकतर कांस्टेबल हैं और कुछ एएसआई स्तर की अधिकारी भी हैं। मुंबई पुलिस के उप आयुक्त (आपरेशन) अशोक दूधे ने कहा कि अब झुग्गी में रह रही महिलाएं आगे आ रही हैं और विश्वासपूर्वक अपनी समस्याएं साझा कर रही हैं। इन समस्याओं में यौन उत्पीडऩ भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो सका है क्योंकि हमारी प्रशिक्षित महिला कांस्टेबलों ने उनके साथ नियमित मुलाकात के जरिए सद्भाव स्थापित किया है। शुरुआत में हर थाने से 8-10 महिला कर्मियों को चुना गया और उन्हें प्रशिक्षित किया गया कि वे किस प्रकार यौन दुव्र्यवहार के संबंध में बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस परियेाजना की शुरुआत बाल यौन उत्पीडऩ पर काबू के मकसद से की गई थी। इसकी शुरुआत पहले उन इलाकों में की गई जहां एेसे मामले अधिक होते थे।
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