वैज्ञानिकों ने किया ‘कूड़े से पैसा’ बनाने का सपना साकार

Thursday, Jan 21, 2016 - 06:58 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘कूड़े से पैसा’ बनाने की परिकल्पना को चरितार्थ करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली की मदद से राजस्थान के जोधपुर में एक लघु औद्योगिक परिसर स्थापित किया है जिसमें अरंडी की खली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि जोधपुर जिले के मालुंगा गांव में स्थापित लघु औद्योगिक परिसर में वहां की स्थानीय जरूरतों और संसाधनों के हिसाब से पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को विकसित किया गया है। 

 
इस परिसर में अरंडी के बीजों से तेल निकाला जाता है और अरंडी की खली का इस्तेमाल बॉयलर में ईंधन के रूप में कंट्रोल्ड बर्निंग के लिए किया जाता है। इससे सीमित कार्बन उत्सर्जन होता है और इस तरह यह पर्यावरण के अनुकूल है। डॉ़ हर्षवर्धन ने बताया कि पहले किसानों को अपना माल लेकर अहमदाबाद जाना पड़ता था और माल की ढुलाई पर काफी खर्च आता था। इस परिसर में एक दिन में 30 टन अरंडी के बीजों से तेल निकाला जा सकता है। 
 
इससे निकलने वाली खली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे किसानों की कमाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि बॉयलर से बन रही भाप का उपयोग चार कोल्ड रूम में किया जा रहा है। इनमें से हर रूम की क्षमता दस टन है और किसान इसका इस्तेमाल कोल्ड स्टोरेज तथा फलों को पकाने के लिए कर सकते हैं। इसमें फलों को पकाने के लिए एथिलीन का इस्तेमाल होता है जो अन्य रसायनों की तरह खतरनाक नहीं है।  
 
डॉ़ हर्षवर्धन ने बताया कि भाप से प्रति घंटे 2000 लीटर डिस्टिल्ड वाटर बनाया जा सकता है जिसका औद्योगिक इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसमें कुछ मिनरल मिलाकर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही भाप से 150 किलोवाट बिजली भी बनाई जा रही है जिसका इस्तेमाल परिसर में विभिन्न मशीनों को चलाने में किया जा रहा है। परियोजना पर कुल सात करोड़ रुपए की लागत आई है। इसे अगले माह व्यावसायिक उपयोग के लिए राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
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