अब कॉलर को नहीं करना होगा इंतजार, पुलिस कंट्रोल रूम जल्द होगा अपग्रेड

Thursday, Dec 08, 2016 - 11:06 AM (IST)

चंडीगढ़(कुलदीप) : यू.टी. पुलिस के कंट्रोल रूम में बढ़ती कॉल्स व वेटिंग की परेशानी को दूर करने के लिए कंट्रोल रूम को करोड़ों की लागत से अपग्रेड किया जाएगा। अब कंट्रोल रूम में कॉल्स पिक करने की सुविधा को बढ़ाए जाने के साथ तकनीकी व्यवस्था भी स्मार्ट होगी। 

 

आलाधिकारियों की मानें तो प्रस्ताव पास हो चुका है और जल्द इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। विभाग के अनुसार कंट्रोल रूम को अपग्रेड करने का प्रस्ताव लोगों की परेशानी को देखते हुए पास किया गया है। पिछले 8 सालों से कंट्रोल रूम में मदद के लिए कॉल करने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ी है, जबकि कंट्रोल रूम में सुविधाओं में इजाफा नहीं हुआ है। इसका असर परेशानी में पुलिस की सहायता मांगने वालों पर पड़ रहा था। कभी-कभी कॉलर को वेटिंग में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। अब आधुनिक संयंत्रों से कंट्रोल रूम को अपग्रेड करने से आसानी से चलाया जा सकता है। 

 

वेटिंग में फंस जाते हैं कॉलर :
मौजूदा समय में पुलिस कंट्रोल रूम में मदद के लिए कॉल करने वालों की शिकायत सुनने के लिए 5 टैलीफोन लाइन चल रही हैं। कॉल्स लेन पर लोगों की कॉल्स भारी पडऩे लगी हैं। कंट्रोल रूम को अपग्रेड करने में 5 की जगह 10 लेन की व्यवस्था की जाएगी। 

 

प्रस्ताव पास, जल्द काम होगा शुरू :
एस.पी. लॉ एंड ऑर्डर व कम्युनिकेशन रोशनलाल ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम को अपग्रेड करने का प्रस्ताव पास हो चुका है। जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। 

 

पुलिस कंट्रोल रूम अहम हिस्सा :
कंट्रोल रूम में रोजाना करीब 3000 कॉल्स अलग-अलग समस्याओं से संबंधित आती हैं। कंट्रोल रूम में कॉल्स आने के बाद पुलिस अधिकारी संबंधित विभाग को कॉल करके समस्या की जानकारी नोट करवाते हैं। चंडीगढ़ वासी अपनी हर तरह की समस्या को लेकर 100 नंबर में कॉल्स करते हैं। वर्ष 2009 में पुलिस कंट्रोल रूम को डेढ़ करोड़ की लागत से अपग्रेड किया गया था। 

 

8 साल में लगातार बढ़ रही कॉलर संख्या :
वर्ष 2008        35000
वर्ष 2009         40300 
वर्ष 2010        50400
वर्ष 2011        60530
वर्ष 2012        74000
वर्ष 2013        80000
वर्ष 2014        83400
वर्ष 2015        84200
वर्ष 2016(नवंबर तक)     80000

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