मानसून सत्र: संसद में 1 मिनट की कार्रवाई पर खर्च हाेते हैं 2.5 लाख रुपए

Thursday, Jul 19, 2018 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः बुधवार से शुरू हुए मानसून सत्र में इस बार मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता अहम बिलों को पास कराना हैं। बिलों को पास कराने के लिए मोदी किसी भी मुद्दे पर चर्चा को भी तैयार है। सरकार चाहती है कि इस बार संसद की कार्वाई सुचारू रूप से चले। पिछले दो सालों का सत्र काफी महत्वपूर्ण था लेकिन इस दौरान सदन में हांगामे के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई।

1 मिनट की कार्रवाई का खर्च ढाई लाख रुपए
आपको जानकर हैरानी होगी कि संसद में एक मिनट की कार्रवाई का खर्च ढाई लाख रुपए पड़ता है। यानि एक घंटे का खर्च डेढ़ करोड़ रुपए तक अाता है। आमतौर पर राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन में 5 घंटे चलती है, जबकि लोकसभा की कार्यवाही एक दिन में 8-11 घंटे चलती है। अगर लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर रोजाना घंटे काम हों तो सोमवार से शुक्रवार तक का खर्च बैठता है 115 करोड़। अगर संसद में एक दिन भी कार्रवाई न हो तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि कितने करोड़ों रुपए बर्बाद होते हैं। संसद में हर रोज होने वाले हंगामे से देश के ज्यादातर लोग निराश हैं। सियासी बयानबाजियों के बीच आखिर संसद में काम कब होगा, कोई नहीं जानता। 

आपकी कमाई से चलती है संसद
क्या आप जानते हैं कि संसद की कार्रवाई के लिए जो इतने पैसे खर्च किए जाते हैं वो कहां से आते हैं। वो रुपए आते हैं हमारी और आपकी कमाई से। हम जितने भी टैक्स भरते हैं उससे सरकारी खजाना भरता है और उन्हीं पैसों से संसद की कार्रवाई पर खर्च करने के लिए पैसों का इंतजाम होता है।

इस मानसून सत्र की ये है स्थिति
18 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र 10 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में 6 दिन छुट्टी के हैं। इस बार कुल 18 बैठकें होंगी। अगर इस बार भी दोनों सदन हंगामे के कारण स्थगित होते रहे तो करोड़ों रुपए फिर बर्बाद होंगे।

ये हैं अहम बिल
-तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए मुस्लिम विवाह संरक्षण बिल
-मासूमों से रेप पर फांसी के लिए आपराधिक कानून संशोधन बिल
-ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा बिल
-भगोड़ा कानून आदि।

Seema Sharma

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