विपक्ष ने खुब उठाया संसद में नेम प्लेट वाला मुद्दा, आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2024 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कावड़ यात्रा दौरान नेम प्लेट लगाने का मुद्दा आजकल बहुत जोर शोर से उठ रहा है। क्या आप जानते है इसके पीछे का पूरा मामला योगी सरकार ने ऐसा कौन सा फरमान सुना दिया था जिसने सभी का ध्यान अपनी औऱ आकर्षित किया। सीएम योगी के इस फरमान की निंदा विपक्ष ने संसद सत्र के पहले दिन ही शुरू कर दी थी। संसद के मानसून सत्र की शुरूआत के साथ ही दोनों सदनों में ये मुद्दा तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरना तो अब तय लग रहा है, वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार, उत्तराखंड सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

क्या है नेमप्लेट विवाद 
योगी सरकार द्वारा ये आदेश जारी किया गया था कि कावड़ यात्रा दौरान उन रास्तों पर जहां से ये यात्रा गुजरेगी में पड़ने वाले सभी दुकानों पर मालिक का नाम लिखना जरुरी होगा जिससे यात्रियो को ये पता रहे कौन सी दुकान किसकी है जिससे तीर्थयात्रियों की आस्था की पवित्रता बनी रहे। इसी विवाद को लेकर विपक्ष नें सरकार पर हमला बोल दिया। वहीं सरकार को झटका तब लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले पर रोक लगा दी। विपक्षी दलों के नेताओं ने योगी सरकार पर भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया मुद्दा
संसद में कांग्रेस की तरफ से ये मुद्दा काफी जोर शोर से उठाया गया। कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने इस फैसले को विभाजनकारी बताया और कहा इससे समाज में तनाव पैदा होगा। यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।' गांधी ने आरोप लगाया कि इस ‘विभाजनकारी एजेंडे’ को लागू करके भाजपा अपना राजनीतिक उद्देश्य पूरा करना चाहती है।

विपक्ष की मांग की खारिज
विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में चर्चा की मांग की थी और विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया था जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के मार्ग पर दुकानों को उनके मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में दिए गए निर्देश को लेकर आज का नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा की मांग की गई थी। धनखड़ ने कहा कि ये नोटिस 'न तो नियम 267 की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं और न ही आसन की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुरूप हैं। इसलिए इन्हें अस्वीकार स्वीकार किया जाता है।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इससे पहले लिया था फैसला
इससे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा दौरान अपनी इच्छा से दुकान मालिकों को दुकानों के बाहर नाम प्रदर्शित करने का आग्रह किया था। औऱ उन्होंने ये भी कहा ये हमारा मकसद धार्मिक भेदभाव पैदा करना नही है बल्कि केवल भक्तों की सुविधा के लिए है। उन्होंने ये भी कहा पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जब कांवड़ियों के बीच होटल और ढाबों पर खाने की रेट लिस्ट को लेकर बहस हुई है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Rahul Rana

Related News