''प्लास्टिक के चावलों'' से जुड़ी अफवाह कर्नाटक के मंत्री ने की खारिज

Sunday, Jun 11, 2017 - 04:21 PM (IST)

मंगलूरू: बाजार में ‘प्लास्टिक’ के चावल और ‘नकली’ अंडे मौजूद होने की खबरों को ‘महज अफवाह’ बताकर खारिज करते हुए कर्नाटक खाद्य एवं असैन्य आपूर्ति मंत्री यू.टी. खादर ने कहा कि राज्य में एेसा कोई भी मामला दर्ज नहीं कराया गया है। उन्होंने शनिवार संवाददाताओं से कहा, ‘‘एेसी आधारहीन खबरें सुनकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोग अब तक सफलतापूर्वक क्रियांवित की जा रही राज्य सरकार की अन्न भाग्य योजना को बदनाम करना चाह रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच का आदेश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्न भाग्य योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम के जरिए चावल का वितरण किया जा रहा है और हर महीने 2.77 लाख मीट्रिक टन चावल की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एक अंडे की कीमत पांच रूपए है, जबकि उसके प्लास्टिक प्रतिरूप की कीमत कम से कम 100 रुपए होगी। इसी बीच फेडरेशन ऑफ इंडियन रेशनलिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र नायक ने प्रेस में जारी लेख के जरिए कुछ एेसे ही विचार व्यक्त किए।  उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाहें ‘ऑर्गेनिक योग लॉबी’ फैला रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी गुणवत्ता के चावल 40 रूपए किलो बिकते हैं जबकि प्लास्टिक के चावलों की कीमत 120 रूपए किलो है। इसके अलावा श्रम, अपव्यय और निर्माण से जुड़े अन्य कारक भी हैं। यदि इन्हें जोड़ लिया जाए तो आपको हैरत होगी कि आखिर कोई प्लास्टिक के चावल बनाकर लाभ कमाने की कोशिश क्यों करेगा?’’  ‘नकली अंडों’ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्राकृतिक अंडे पांच रूपए प्रत्येक अंडे की दर से मिलते हैं। एेसे में कोई भी उन्हें अनिर्दिष्ट कच्चे माल से भारी श्रम वाली प्रक्रिया के जरिए बनाकर लाभ कमाने की उम्मीद नहीं कर सकता।

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