जानिए, किस तरह खास रहा संसद का मानसून सत्र

Friday, Aug 11, 2017 - 05:30 PM (IST)

नई दिल्ली: 17 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सत्रावसान की घोषणा करते हुए बताया कि इस सत्र में सांसदों के हंगामे की वजह से करीब 30 घंटे बर्बाद हुए। वहीं, लोकसभा ने करीब साढ़े 10 घंटे अतिरिक्त बैठकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा भी की। इस दौरान 19 बैठकों में सांसदों के हंगामे के बीच करीब 71 घंटे काम हुआ। इस दरम्यान कई अहम विषयों पर चर्चा के साथ कुल 14 अहम विधेयक पारित हुए।


इस बारे सत्र में इस तरह की हुई गतिविधियां

1. मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में कुल 17 विधेयक पेश किए गए, जिसमें से 14 विधेयकों को पारित किया गया।

2. इनमें कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में आईआईआईटी विधेयक-2017, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक-2017, कंपनी (संशोधन) विधेयक-2016, बैकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक- 2017 और नाबार्ड (संशोधन) विधेयक- 2017 शामिल हैं।

3. सदन में नियम 193 के तहत देश में कृषि क्षेत्र की स्थिति और भीड़ द्वारा हिंसा समेत कई घटनाओं से उत्पन्न स्थिति के विषयों पर अल्पकालिक चर्चाएं भी हुईं।

4. ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में बाढ़ के कारण उपजी समस्याओं के मामले उठाए गए।

5. मानसून सत्र में 380 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध किये गये, जिनमें से 63 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए।

6. सांसदों ने शून्यकाल में लोक महत्व के करीब 252 मुद्दे उठाए गए। नियम 377 के तहत भी सांसदों ने 281 मामले उठाए गए। संसद की स्थायी समितियों ने 44 रिपोर्ट पेश की।

7. इस सत्र में संबंधित मंत्रियों ने 1270 पत्र सभा पटल पर रखे थे। गैर सरकारी सदस्यों के कामकाज के तहत विभिन्न विषयों पर 28 निजी विधेयक पेश किये गए। विंसेंट एच पाला के संविधान की छठी अनुसूची (संशोधन) विधेयक पर विचार किए जाने के प्रस्ताव को 21 जुलाई को आगे चर्चा के लिए लिया, हालांकि चर्चा अधूरी रही।

8. निजी विधेयकों में कर्मचारी भविष्य निधि के पेंशनभोगियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एनके प्रेमचंद्रन के संकल्प को 28 जुलाई को चर्चा के बाद सभा की अनुमति से वापस लिया गया।

9. सदन के सुचारू संचालन के लिए अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, विभिन्न दलों के नेताओं और मुख्य सचेतकों के सहयोग के लिए भी आभार जताया। उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई भी दी।

10. सदन में गत नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन ’ की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर विशेष चर्चा के बाद एक संकल्प स्वीकार किया गया। अध्यक्ष ने कहा, ‘यह सचमुच में एक अविस्मरणीय क्षण था।’ वर्तमान सत्र के दौरान ही देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई को सेंट्रल हॉल में शपथ ली।

 

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