भारत में 5 और 10 रुपए के दाम का जादू बना हुआ है, GST के बाद और बढ़ेगी डिमांड
punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 07:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के बाजार में 5 और 10 रुपए की कीमत लंबे समय से खास महत्व रखती है। ये सिर्फ दाम नहीं, बल्कि करोड़ों उपभोक्ताओं की खरीद की आदत और भरोसे का प्रतीक बन चुके हैं। जब देश में GST लागू हुआ और टैक्स दरें कम हुईं, तब भी ज्यादातर कंपनियों ने इन कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया।
कंपनियों की रणनीति: दाम न बढ़ाएं, मात्रा बढ़ाएं
चाहे टैक्स कम हुआ हो या उत्पादन लागत घट गई हो, कंपनियां 5 और 10 रुपए के प्राइस प्वाइंट को नहीं बदलना चाहतीं। वे दाम घटाने की बजाय उसी कीमत पर ज्यादा मात्रा देने का विकल्प चुनती हैं। ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण है कि यदि दाम बदले गए, तो पूरी मार्केटिंग रणनीति, पैकेजिंग, सप्लाई चैन और उपभोक्ताओं की आदतों में बदलाव करना पड़ता है।
बढ़ेगा 5 और 10 रुपए के प्राइस प्वाइंट्स की मांग
GST दरों में कटौती के बाद कई FMCG उत्पाद जैसे स्नैक्स, बिस्किट, नमकीन आदि सस्ते होंगे। लेकिन कंपनियां इन प्राइस प्वाइंट्स को बनाए रखेंगी और मात्रा बढ़ाकर ग्राहकों को अधिक संतुष्टि देंगी। इससे 5 और 10 रुपए वाले प्रोडक्ट्स की मांग और बढ़ सकती है।
5 और 10 रुपए: कीमत से ज्यादा सोच की पहचान
5 और 10 रुपए की कीमत खासकर गांव, छोटे कस्बे और शहरी झुग्गियों में रहने वाले लोगों की रोजमर्रा की खरीदारी की पसंद है। ये कीमतें उनकी कमाई के अनुसार आसान और समझने में सरल होती हैं। ऐसे में ग्राहक बिना ज्यादा सोचे-समझे इन्हें खरीद लेते हैं। यह केवल कीमत नहीं, बल्कि उनकी खरीद की आदत भी है।
मुनाफे का फॉर्मूला: कम दाम, ज्यादा बिक्री
FMCG कंपनियों की ताकत है कम मुनाफे पर ज्यादा बिक्री करना। अगर बिस्किट या कोई अन्य प्रोडक्ट का दाम 5 या 10 रुपए से थोड़ा भी बढ़ा दिया गया, तो ग्राहक आसानी से दूसरी कंपनी की ओर मुड़ सकते हैं। इसलिए जब खर्च बढ़ते हैं, तो कंपनियां पैकेट का साइज छोटा कर देती हैं, लेकिन कीमत वही रखती हैं। इससे ग्राहक खुश रहते हैं और कंपनी का मुनाफा भी बना रहता है।
पूरी सप्लाई चैन पर असर
5 और 10 रुपए की कीमतें सिर्फ दुकान पर दिखने वाला टैग नहीं हैं, बल्कि पूरी सप्लाई चैन इसी के अनुसार चलती है। पैकेजिंग का साइज, ट्रांसपोर्ट, दुकानों की रैकिंग और दुकानदारों का मुनाफा, सब कुछ इन दामों पर आधारित होता है। किराना दुकानदार भी इन पैकेट्स को पसंद करते हैं क्योंकि ये जल्दी बिकते हैं और ग्राहकों को बार-बार खरीदने पर मजबूर करते हैं।
अब 10 रुपए का दौर
पहले 1 और 2 रुपए के छोटे पैकेट आम थे, फिर 5 रुपए के दौर ने बाजार पर कब्जा किया। अब 10 रुपए नए न्यूनतम प्राइस प्वाइंट के रूप में उभर रहा है। गांव-शहर दोनों जगह लोग 10 रुपए में शैम्पू, स्नैक्स और अन्य छोटे पैकेट खरीदना पसंद करते हैं। इसका मतलब है कि उनकी आमदनी बढ़ी है और वे सस्ता ही नहीं, बल्कि अच्छा और ब्रांडेड सामान भी लेना चाहते हैं।