आने वाले समय में और अधिक उत्साह के साथ जारी रहेगा सरकार का सुधार अभियान: प्रधानमंत्री मोदी
punjabkesari.in Friday, Dec 26, 2025 - 01:22 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ‘जीवन सुगमता' को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए उसका सुधार अभियान आने वाले समय में और अधिक उत्साह और दृढ़ता के साथ जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा अपनी विभिन्न सुधार पहलों पर किए गए कई पोस्ट के संदर्भ में यह टिप्पणी की।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार जीवन सुगमता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और नीचे दिए गए लेख में हमने इस दिशा में किए गए कार्यों के उदाहरण दिए हैं। आने वाले समय में हमारी सुधार यात्रा और भी अधिक उत्साह के साथ जारी रहेगी।'' हैशटैग ‘‘रिफॉर्म इन एक्शन और हैशटैग गुड गवर्नेंस'' के साथ केंद्र सरकार ने अपने कई पोस्ट में कहा कि किसी भी सुधार की असली कसौटी यह होती है कि वह लोगों का बोझ कितना कम करता है।
वर्ष 2025 में शासन व्यवस्था में एक स्पष्ट बदलाव देखने को मिला, जहां सुधार जटिलता के बजाय परिणामों पर केंद्रित रहे। ‘माई जीओवी इंडिया' पर किए गए पोस्ट में बताया गया है कि सरल कर कानूनों, तेजी से विवाद निपटान, आधुनिक श्रम संहिताओं और कुछ नियमों या कानूनों के उल्लंघन को अपराध की श्रेणी से बाहर रखकर सिर्फ उनके अनुपालन पर जोर देने से नागरिकों और व्यवसायों, दोनों के लिए प्रक्रियाएं आसान हुई हैं। भरोसे, पूर्वानुमेयता और दीर्घकालिक विकास पर जोर दिया गया है, जिससे यह दिखता है कि अच्छी तरह तैयार की गई नीतियां किस तरह रोजमर्रा की जिंदगी को सहज बना सकती हैं।
पोस्ट में कहा गया है कि करोड़ों भारतीयों के लिए कर राहत अब वास्तविकता बन गई है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर लगता है। मध्यम वर्गीय परिवार अब अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा अपने पास रख पा रहे हैं, जिससे उन्हें खर्च, बचत और निवेश करने के साथ अधिक आत्मविश्वास मिला है। पोस्ट में कहा गया कि आयकर अधिनियम, 2025 ने अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाया है और प्रत्यक्ष कर प्रणाली में स्पष्टता, पारदर्शिता और निष्पक्षता लाई है, जिससे यह करदाताओं के लिए अधिक अनुकूल और वर्तमान जरूरतों के अनुरूप बनी है।
सरकार ने बताया कि छोटे व्यवसाय अब लाभ खोने के डर के बिना विस्तार कर सकते हैं। निवेश और टर्नओवर की बढ़ी हुई सीमाओं से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को ऋण और कर प्रोत्साहनों का लाभ बनाए रखते हुए आगे बढ़ने का अवसर मिला है। इससे व्यवसायों का विस्तार, अधिक रोजगार सृजन और स्थानीय उद्यमों को मजबूती मिल रही है। ग्रामीण रोजगार को लेकर सरकार ने कहा कि अब यह केवल मजदूरी तक सीमित नहीं है, बल्कि परिसंपत्ति का निर्माण भी कर रहा है।
सुनिश्चित रोजगार की अवधि बढ़ने और गांवों के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने से ग्रामीण श्रमिक स्थायी परिसंपत्ति बना रहे हैं, जो समुदायों और आजीविका को सशक्त करती हैं। सरकार ने यह भी बताया कि श्रमिकों को अब दर्जनों कानूनों से नहीं जूझना पड़ता क्योंकि 29 श्रम कानूनों को चार सरल संहिताओं में समाहित किया गया है, जो वेतन, सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा को कवर करती हैं। इन सुधारों से अधिकार अधिक स्पष्ट हुए हैं, अनुपालन आसान हुआ है और महिलाओं को मातृत्व तथा कार्यस्थल पर सुरक्षा से जुड़े सुनिश्चित लाभ मिले हैं।
सरकार ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को भी व्यवसायों और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए सरल बनाया गया है। सरलीकृत कर स्लैब, आसान पंजीकरण, स्वचालित प्रक्रियाएं और तेज रिफंड के जरिए अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार व्यापार सुगमता को बेहतर बना रहे हैं। इसका प्रभाव दिवाली पर रिकॉर्ड बिक्री (6.05 लाख करोड़ रुपये) और पिछले एक दशक में सबसे मजबूत नवरात्रि खरीदारी के रूप में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। पोस्ट में यह भी कहा गया कि अब व्यवसाय अपने उत्पादों को तेजी से बाजार में ला सकते हैं।
गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के युक्तिकरण से भारतीय निर्माताओं के अनुपालन खर्च कम हुए हैं, दक्षता बढ़ी है और वैश्विक बाजारों में उनकी स्थिति मजबूत हुई है। सरकार ने बताया कि छोटी कंपनियों की परिभाषा का विस्तार किए जाने से अनुपालन बोझ और लागत में कमी आई है, जिससे 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले उद्यम नवाचार और विस्तार पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं।
