''5 लाख तक जुर्माना, 6 महीने की जेल'', राष्ट्रीय प्रतीकों के दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार कर सकती है बड़े बदलाव
punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 07:12 PM (IST)
नई दिल्लीः केंद्र सरकार नाम और प्रतीक (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 में महत्वपूर्ण संशोधनों पर विचार कर रही है, ताकि इस कानून को मजबूत बनाया जा सके और इसके उल्लंघनों को रोका जा सके। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित बदलावों में जुर्माने में पर्याप्त वृद्धि और अपराधियों के लिए कारावास की सजा शामिल है। वर्तमान कानून के तहत, उल्लंघनकर्ताओं को अधिनियम की धारा तीन में निर्धारित कुछ प्रतीकों और नामों के अनुचित उपयोग के लिए मात्र 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है।
यह अधिनियम केंद्र सरकार की अनुमति के बिना व्यापार, व्यवसाय या पेशे के लिए या किसी पेटेंट के शीर्षक में या किसी ट्रेडमार्क, डिज़ाइन या अधिनियम की अनुसूची में निर्दिष्ट किसी नाम या प्रतीक में नामों और प्रतीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। उपभोक्ता मामले का मंत्रालय संशोधन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। इसका उद्देश्य अधिनियम की प्रवर्तन क्षमताओं को मजबूत करना है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने पहली बार अपराध करने वालों के लिए जुर्माना बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है। बार-बार उल्लंघन करने वालों को पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और छह महीने की जेल की सजा हो सकती है। मंत्रालय ने अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श किया है और इस मुद्दे पर अंतर-मंत्रालयी टिप्पणियां मांगी हैं। जबकि कुछ मंत्रालयों ने कम दंड और जेल की सजा को खत्म करने की वकालत की है। इस बारे में अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल को करना है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह 74 साल पहले अधिनियमित होने के बाद से अधिनियम में पहला संशोधन होगा, जो राष्ट्रीय प्रतीकों के दुरुपयोग को रोकने के सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।