प्रदूषण को रोकने के लिए बेंगलूर ने बनाया पहला ‘वर्टिकल गार्डन’

Friday, Mar 30, 2018 - 12:36 PM (IST)

जालंधर: प्रदूषण को रोकने और शहर को सुंदर बनाने के लिए बेंगलूर ने पहला वर्टिकल गार्डन बनाया है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर इसे प्रचारित भी किया जा रहा है। हसूर रोड इलैक्ट्रॉनिक्स सिटी फ्लाईओवर पर इस आर्गैनिक वर्टिकल गार्डन को स्थापित करने में ‘से-ट्रीज’ संस्था ने विशेष भूमिका निभाई है। फ्लाईओवर के पिल्लरों पर 10 प्रजातियों के 3500 पौधों को लगाया गया है।

स्मॉग और गर्मी होगी कम
संस्था ने बताया कि इस गार्डन की स्थापना से फ्लाईओवर की सुंदरता तो बढ़ेगी ही साथ में शहर में स्मॉग में भी कमी आएगी और गर्मी भी कम होगी। वहीं यह गार्डन साऊंडप्रूफ बैरियर के रूप में भी काम करेगा।

जिधर देखो हर तरफ अलग ही डिजाइन
‘से-ट्रीज’ का कहना है कि जल्द ही फ्लाईओवर के हरेक पिल्लर को ऐसे ही वर्टिकल गार्डन से सुसज्जित किया जाएगा। पौधों को सिंचित करने के लिए आटोमेटिड ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाया गया है और हर रोज हरेक पौधे की पानी की कुल 100 मिलीलीटर खुराक है।

रियल एस्टेट में बढ़ेगी कीमत
इस प्रोजैक्ट को क्लीयर करने में बेंगलूर एलिवेटिड टोलवे प्राइवेट लिमिटेड ने 4 महीने लिए। से-ट्रीज संस्था का मानना है कि शहर में ऐसे वर्टिकल गार्डन स्थापित होंगे तो रियल एस्टेट में भी कीमतें बढ़ेंगी। इसका प्रदेश की जनता को फायदा होगा।

ब्रिटेन में भी दीवारों पर लटकते गार्डन
ब्रिटेन में ऐसी कई इमारतें आपको मिल जाएंगी जहां दीवारों पर गार्डन लटकते हैं। ये दीवारें आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। सैंट्रल लंदन के विक्टोरिया स्टेशन के निकट एक ‘लिविंग दीवार’ पर 10,000 से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों की हरियाली को टैंक में स्टोर करके रखे गए बारिश के पानी के सहारे हरा-भरा रखा जा रहा है। फर्न और औषधीय पौधों से अटी पड़ी इस दीवार की छत पर बारिश का पानी इकट्ठा किया जाता है जो इन पौधों के पोषण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दीवार गार्डन पर 20 के करीब सीजनल पौधों की किस्में लगाई गई हैं। दीवार पर इन पौधों को रोपने के लिए करीब 16 टन मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। इसके लिए छत पर 10 हजार लीटर पानी को स्टोर करके रखा जाता है। लंदन के मेयर बोरिस जॉनसन ने इमारतों की दीवारों पर इस तरह के पौधे लगाकर हरियाली और पर्यावरण को बढ़ावा देने के प्रोजैक्ट का समर्थन किया है।

चीन ने की पहल, बनाया एशिया का पहला वर्टिकल गार्डन
इससे पहले चीन ने पहल करते हुए एशिया का पहला वर्टिकल गार्डन विकसित किया है। इस बिल्डिंग का निर्माण चीन के नानजिंग शहर में किया गया है। यह गार्डन रोजाना लगभग 130 पौंड (60 किलोग्राम) ऑक्सीजन पैदा करेगा। इस गार्डन का विकास 2 टावर्स पर किया गया है। इन बिल्डिंगों को नानजिंग टावर्स का नाम दिया गया है। हालांकि इन बिल्डिंगों का काम साल 2018 में पूरा होने की उम्मीद है। इन बिल्डिंगों का काम इटली के एक आर्किटैक्ट स्टेफनो बोरी द्वारा किया जा रहा है।

इन दोनों टावरों की ऊंचाई क्रमश: 656 और 354 फुट है। इस गार्डन के निर्माण के लिए दोनों टावरों की दीवारों से लेकर बालकनी पर एक विशेष प्रकार की झाडिय़ां और पौधों का उपयोग किया जाएगा। इसमें जो बड़ी बिल्डिंग है उसमें विभिन्न कंपनियों के ऑफिस, म्यूजियम, एक ग्रीन आर्किटैक्चर स्कूल और क्लब भी शामिल हैं जबकि छोटी बिल्डिंग में 247 कमरों के साथ-साथ हयात होटल भी है। दोनों टावरों की बालकनी से अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। इस पहले वर्टिकल गार्डन के निर्माण में लगभग एक हजार तरह के पौधे और 2500 तरह की झाडिय़ों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन वर्टिकल गार्डनों से जैव विविधता संतुलन बनाने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।

दीवारों पर बनाएं वर्टिकल किचन गार्डन, प्रदूषण होगा कम
जैसे ही गर्मी का सीजन आता है सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। वहीं शहर में लोगों के पास जगह की कमी होने के कारण अब किचन गार्डन के लिए भी जगह नहीं बची है लेकिन लोग दीवारों पर किचन गार्डन बनाकर सब्जियां उगा सकते हैं। दीवारों पर किचन गार्डन से पैसे की बचत तो होगी ही साथ में घर में प्रदूषण भी कम होगा। सब्जी के लिए जो पौधे लगाए जाएंगे वे घर के आसपास पर्यावरण में मौजूद कार्बन डाईआक्साइड को ग्रहण कर लेंगे।

Punjab Kesari

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