शहीद अब्बास के पिता बोले, दोनों बेटे खोकर चुकाई देशभक्ति की कीमत

Monday, Nov 06, 2017 - 09:22 AM (IST)

पुंछ (धनुज): कश्मीर घाटी के हाजिन क्षेत्र में 28 अक्तूबर को देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुंछ जिले की मेंढर तहसील के गांवकल्लर मोहड़ा निवासी शहीद जहीर अब्बास के पिता एवं पूर्व सैनिक मोहम्मद ताज खान ने भावुक होकर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पाक को सबक सिखाने के लिए ठोस कदम उठाए। अगर बातचीत से मसला हल नहीं होता तो फौरन आतंक की फैक्टरी पाकिस्तान पर हमला किया जाए ताकि आतंकी प्रशिक्षण शिविर नष्ट हो सकें। अगर जरूरत पड़ी तो वह इस उम्र में भी एक बार फि र से देश की रक्षा के लिए हथियार उठाकर दुश्मन से लोहा लेने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि देश विभाजन के बाद दोनों देशों के बीच की दुश्मनी के चलते अब तक बहुत खून बह चुका है। आतंकवाद के कारण हर रोज भारतीय जवान शहीद हो रहे हैं, घर उजड़ रहे हैं, माताओं की गोद सूनी हो रही है, बच्चों के सिर से बाप का साया उठ रहा है। इसलिए हर रोज होने वाली इन शहादतों पर रोक लगनी ही चाहिए। शहीद के बच्चे अपने दिवंगत पिता की तस्वीर को गले लगाकर बिलख-बिलखकर रो रहे थे जबकि शहीद की विधवा (वीर नारी) का कहना था कि आतंकवादियों ने केवल उनके पति को ही शहीद नहीं किया है बल्कि पूरे परिवार का खात्मा कर दिया है।

‘पंजाब केसरी’ ने शहीद जहीर अब्बास की यादों के सहारे जीने पर मजबूर इस परिवार से बातचीत की तो शहीद के पिता मोहम्मद ताज खान का कहना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने हजारों-लाखों घरों को उजाड़ा है। देश भर के विभिन्न क्षेत्रों, विभिन्न राज्यों के जवान देश के लिए शहीद हो रहे हैं। कश्मीर घाटी की पूरी जमीन शहीदों के लहू से लाल हो चुकी है। इसलिए अब समय आ गया कि पाक को सबक सिखाया जाए। खान ने कहा कि एक बाप होने के नाते उन्हें अपने जवान बेटे को खोने का एक ऐसा गम है जो हमेशा रहेगा लेकिन एक भूतपूर्व सैनिक एवं एक शहीद सैनिक का पिता होने का गर्व भी है कि उनके बेटे ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। शहीद के पिता का कहना है कि वह खुद भी एक सैनिक रहे हैं और वर्ष 2009 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए सेवा प्रदान की और कई बार देश के
दुश्मनों से लोहा लिया।

दोनों बेटे खोकर चुकाई देशभक्ति की कीमत
शहीद के पिता का कहना है कि उनके घर का माहौल शुरू से ही देशभक्ति भरा रहा है और उनके 2 बेटे थे जो हमेशा देश पर मरने-मिटने के लिए तैयार रहते थे। शहीद के पिता ने आंखों में आंसू और दर्द भरी जुबां से बताया कि जब क्षेत्र में आतंकवाद पूरे चरम पर था, उस समय मुझे आतंकवादियों द्वारा कई बार डराया-धमकाया गया कि वह नौकरी छोड़ दें परंतु उन्होंने देश से गद्दारी नहीं की और अपने फ र्ज से पीछे नहीं हटे। इसी कारण आतंकवादियों ने उनके छोटे बेटे नजाकत खान का वर्ष 2000 को रात को घर से अगवा कर कत्ल कर दिया था। उनका परिवार अभी पूरी तरह से इस दुख से नहीं उभरा था। अभी उनके जख्म हरे थे कि उनके बड़े बेटे को भी आतंकियों ने छीन कर उनके परिवार को उजाड़ दिया

सारे जवान हमारे बेटे समान, खुदा सबकी रक्षा करे
शहीद के पिता मोहम्मद ताज खान का कहना है कि देश की रक्षा में तैनात सभी सुरक्षाबल उनके बेटे की तरह हैं और वह खुदा से सबकी सलामती की कामना करते हैं। वह सभी पार्टियों के नेताओं से अपील करते हैं कि वे जवानों की शहादत पर राजनीति न करें। सरकार जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ऑप्रेशन पर जाने से पहले उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाए, सूचना तंत्र मजबूत किया जाए तथा अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया जाए। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों की विशेष देखभाल की जाए। उन्हें कोई चीज नहीं चाहिए, वह तो बस इतना चाहते हैं कि उनके शहीद बेटे के बच्चों की बेहतरीन शिक्षा की व्यवस्था हो ताकि ये बच्चे भी पढ़-लिखकर देश के काम आ सकें।

15 दिन पहले बोलकर गया था जहीर, जल्द लौटूंगा
शहीद के पिता का कहना है कि शहीद जहीर लगभग 15 दिन पहले ही घर से छुट्टी काट कर गया था और बोल कर गया था कि जल्द घर आऊंगा लेकिन आया तो तिरंगे में लिपट कर उनका पाॢथव शरीर। उनका कहना है कि उनका बेटा बड़े ही सरल स्वभाव का तथा हमदर्द था। वह पूरे इलाके का प्यारा था और हमेशा देश प्रेम की बातें करते हुए कहता था कि भारत में जन्म लेने पर उसे बड़ा गर्व है और एक दिन वह देश के लिए कोई ऐसा काम करेगा कि पूरे देश को उस पर गर्व होगा। अब उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर अपना वायदा पूरा किया। इस पर उन्हें गर्व है, मगर उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है।

Advertising