गरम चिमटे से जलाता था शराबी पिता, बच्चियों को चिल्लाते हुए सुन पहुंचे पड़ोसी, जानें फिर...

punjabkesari.in Saturday, Sep 28, 2024 - 03:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के धौलपुर जिले में एक कलयुगी पिता की बर्बरता ने सभी को हिलाकर रख दिया है। घटना निहालगंज थाना क्षेत्र की है, जहां एक शराबी पिता ने अपनी दो छोटी बेटियों को गर्म चिमटे से दाग दिया। यह दिल दहला देने वाला मामला उस समय सामने आया जब पड़ोसियों ने बच्चों की चिल्लाने की आवाज सुनी और तुरंत कार्रवाई की। शुक्रवार की देर शाम, पड़ोसियों ने चाइल्ड हेल्प लाइन के नंबर पर शिकायत की कि एक पिता अपने दो मासूमों को नशे की हालत में क्रूरता से पीड़ित कर रहा है। जब चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम और पुलिस मौके पर पहुंचे, तो देखा कि दोनों बच्चियां रोते-बिलखते हुए अपने घर में पड़ी थीं। उनके शरीर पर गर्म चिमटे के जख्मों के निशान थे, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण थे कि उन पर किस प्रकार का अत्याचार किया गया है।

अस्पताल में भर्ती
चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने तत्काल दोनों बच्चियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका उपचार शुरू किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चियों की उम्र लगभग दो से तीन साल है और उन्हें चाइल्ड हेल्प लाइन की देखरेख में रखा गया है। अस्पताल में उनके इलाज के दौरान चिकित्सक उनकी स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

बच्चों के सर्वोत्तम हित का ध्यान
सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष मधु शर्मा ने बताया कि बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए, उन्हें स्वस्थ होने के बाद शिशु गृह में शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अभियान छेड़ दिया है, और उसे पकड़ने के लिए टीम बनाई गई है।

शराब की लत और पारिवारिक समस्या
आसपास के लोगों ने बताया कि आरोपी पिता शराब के नशे में अक्सर हिंसक हो जाता था। उसकी इस हरकत के कारण उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई है। अब उसकी बेटियाँ ही उसकी क्रूरता का शिकार बन रही हैं। स्थानीय निवासियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पड़ोसियों की भूमिका
इस घटना में पड़ोसियों की सक्रियता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यदि उन्होंने समय रहते चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचना नहीं दी होती, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि समाज को अपने आस-पास के बच्चों के लिए जागरूक और सतर्क रहना चाहिए, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके। यह घटना न केवल एक पिता की अमानवीयता को उजागर करती है, बल्कि समाज की जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है। बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है, और ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की चुप्पी नहीं बरती जानी चाहिए। हमें चाहिए कि हम आगे आएं और हर बच्चे को एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन देने की दिशा में काम करें।


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Content Editor

Mahima

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