cyclonic storm- साल 2020 के वो चक्रवात तूफान, जिन्होंने मचाई भारी तबाही

Wednesday, Nov 25, 2020 - 04:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश एक तरफ जहां कोरोना संकट से जूझ रहा है वहीं तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। अगले 12 घंटे में निवार तूफान अति विकराल रूप धार सकता है। इसके बुधवार आधी रात या गुरुवार तड़के तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच तट से टकराने की संभावना है। तूफान की गति 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी जो बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। तूफान से पहले मंगलवार को चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में रातभर बारिश हुई और निचले स्थानों में जलभराव हो गया। चक्रवात के खतरे को देखते हुए तमिलनाडु में बुधवार को अवकाश घोषित किया गया है। साल 2020 में देश कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहा है वहीं इस साल चक्रवाती तूफानों ने भी भारी तबाही मचाई है। निवार साल 2020 का चौथा चक्रवाती तूफान है। इससे पहले तीन तूफान थे- गति, अम्फान और चक्रवाती तूफान निसर्ग।

2 साल बाद तमिलनाडु में तूफान की दस्तक
तमिलनाडु में साल 2018 में गाजा तूफान ने भारी तबाही मचाई थी। गाजा के बाद अब दो साल बाद निवार तूफान दस्तक देने जा रहा है। निवार तूफान को लेकर 30 NDRF की टीम तैनात की गई है। बता दें कि भीषण चक्रवाती तूफान 'गाजा' ने साल 2018 में काफी तबाही मचाई थी और राज्य में विभिन्न हादसों में 23 लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान घरों की छतें उड़ गई थीं और बिजली आपूर्ति भी ठप्प हो गई थी।

साल 2020 में आए ये तूफान
चक्रवाती तूफान अम्फान

बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) ने इसी साल मई में दस्तक दी थी। चक्रवाती तूफान अम्फान पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट से टकराया था। पश्चिम बंगाल पर इसका ज्यादा असर पड़ा था। बंगाल के तीन जिलों- दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। चक्रवात के कारण लगभग 12 लोग मारे गए थे। कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई थी। राज्य के निचले इलाकों में हजारों घर तबाह हो गए थे।

निसर्ग तूफान
निसर्ग तूफान ने भारत के गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दस्तक दी थी। निसर्ग तूफान इसी साल जून में आया था। इस दौरान गुजरात पर तो ज्यादा असर नहीं पड़ा लेकिन महाराष्ट्र में इसका प्रभाव देखने को मिला था। महाराष्ट्र में तूफान के चलते भारी बारिश हुई थी और निचले इलाकों में पानी भर गया था। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति पर भी इसका असर पड़ा था। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए तटों के पास रहने वाले लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। निसर्ग तूफान का नाम बांग्लादेश के सुझाव पर रखा गया था, जिसका मतलब होता है प्रकृति।

गति तूफान
नवंबर में भारत के सामने दो तूफानों का संकट आ खड़ा हुआ। एक तो निवार जो बुधवार को तमिलनाडु-पुडुचेरी में तट से टकराएगा दूसरा गति। हालांकि गति तूफान का संकट टल गया है। लेकिन निवार का खतरा बना हुआ है। अरब सागर में उठा गति नाम का तूफान अफ्रीकी देश सोमालिया में टकराने के बाद शांत हो गया है। जिसके बाद अब भारत पर गति तूफान का प्रभाव ना के बराबर है। बताया जा रहा था कि इसका असर उत्तर प्रदेश में पड़ने वाला था लेकिन वहां मौसम साफ रहा और गति का संकट टल गया।

Seema Sharma

Advertising