ऑफ द रिकॉर्डः भ्रष्ट बाबुओं को दंडित करने में देरी पर मंत्रालयों व विभागों से सख्ती से निपट रहा CVC

Wednesday, Sep 16, 2020 - 05:05 AM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) भ्रष्ट बाबुओं को दंडित करने में देरी के लिए मंत्रालयों और विभागों से सख्ती से निपट रहा है। सी.वी.सी. ने पाया कि कुछ तकनीकी कारणों को आधार बनाकर बड़ी संख्या में बाबुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और पुनर्विचार के लिए फाइलें बार-बार भेजी जा रही हैं। 

बाबुओं द्वाराफाइलों पर देरी करने के कारण सी.वी.सी. ने फैसला किया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक बार सिफारिश की गई कार्रवाई पर फिर से विचार नहीं किया जाएगा। सी.वी.सी. की कार्रवाई में इसे ‘दूसरे चरण’ की समीक्षा कहा जाता है। बाबू इस दूसरे चरण का लाभ उठाते हुए सी.वी.सी. को बार-बार अपील कर रहे थे। वहीं एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत सी.वी.सी. ने दूसरे चरण को लेकर निर्देश दिए और पहले चरण की समीक्षा के लिए एक माह की समय सीमा निर्धारित की, क्योंकि पिछले दिनों इस प्रक्रिया में, भ्रष्टाचारी लोगों के खिलाफ लंबे समय तक कार्रवाई बाधित रही। 

सी.वी.सी. ने फैसला किया है कि ऐसे मामलों के लिए सलाह का कोई दूसरा चरण नहीं होगा। मंत्रालयों और विभागों को कार्रवाई के लिए अंतिम समयसीमा का पालन करना होगा। सी.वी.सी. ने निर्देश दिया कि भविष्य में पुनर्विचार के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय व विभागों के सचिवों, सभी पी.एस.यूज के चेयरमैनों व एम.डी., स्वायत्त संगठनों और अन्यों को सी.वी.सी. ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा। इसके लिए सी.वी.सी. ने नियमावली में संशोधन करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जब तक समीक्षा के लिए कोई ताजा सामग्री/ साक्ष्य सी.वी.सी. के सामने नहीं लाया जाता, तब तक पहले चरण की सलाह अंतिम होगी।

Pardeep

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