अकबर के काल में बनी थी देश की पहली कुल्फी, हिमालय से बर्फ लाने के लिए घुड़सवार लगाते थे रेस
punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2024 - 05:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गर्मियों के दिनों में कुल्फी का आनंद हम सभी बड़े चाव से लेते हैं। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि म्यांमार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और मध्य-पूर्व के देशों में भी लोकप्रिय है। कुल्फी का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है और इसे भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन मिठाइयों में से एक माना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, कुल्फी की शुरुआत भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालयीन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों ने की थी। दिलचस्प बात यह है कि कुल्फी शब्द फारसी भाषा का है, जिसका अर्थ "एक बंद कप" होता है। इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि कुल्फी की उत्पत्ति ईरान से हुई होगी और फिर यह भारत में प्रचलित हुई।
अकबर के शासनकाल में भी थी कुलफी
शुरुआत में कुल्फी लिक्विड रूप में होती थी। इसका ठोस रूप जिसे हम आज जानते हैं, पहली बार 16वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान बनाया गया था। मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में लिखे गए ग्रंथ 'आइन-ए-अकबरी' में फ्रोजन डेजर्ट यानी कुल्फी का उल्लेख मिलता है। मुगलों की पाकशाला फारसी और मध्य एशियाई व्यंजनों से प्रेरित थी। मुगलकाल में कुल्फी बनाने के लिए दूध को उबालकर गाढ़ा किया जाता था और फिर इस मिश्रण को धातु के शंकु में भरकर नमक और बर्फ के घोल में जमाया जाता था। आइन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने पानी को जमाने के लिए साल्टपीटर (पोटैशियम नाइट्रेट) का उपयोग करने का वर्णन किया है।
बताया जाता है कि बादशाह अकबर को कुल्फी बहुत पसंद थी और वे हिमालयीन क्षेत्रों से बर्फ लाने के लिए घुड़सवारों की प्रतियोगिता आयोजित करते थे, ताकि बर्फ कम पिघले और समय पर महल तक पहुंच जाए। इतिहास बताता है कि फारसियों ने 400 ईसा पूर्व में बर्फ से विभिन्न फ्लेवर की आइसक्रीम बनानी शुरू कर दी थी। कुल्फी भी इसी परंपरा का हिस्सा बनते हुए हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। इस प्रकार, कुल्फी का समृद्ध इतिहास और उसकी विविधता इसे दक्षिण एशिया की सबसे प्रिय मिठाइयों में से एक बनाती है। चाहे गर्मियों की तपिश हो या त्योहारों का उत्साह, कुल्फी हमेशा से हमारी मिठास बढ़ाने में अग्रणी रही है।