रचा इतिहास! 19 साल की दिव्या देशमुख ने जीता चेस वर्ल्ड कप, बनीं पहली भारतीय महिला चैंपियन

punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 06:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की युवा चेस सनसनी दिव्या देशमुख ने महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है! सिर्फ 19 साल की दिव्या ने जॉर्जिया के बाटुमी में हुए इस प्रतिष्ठित वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की ही दिग्गज खिलाड़ी कोनेरू हंपी को शिकस्त देते हुए यह खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही वह चेस वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला चेस स्टार बन गई हैं।

यह दिव्या के करियर की एक और बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल ही जूनियर वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीता था। अब इस खिताबी जीत के साथ ही वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं।

भारत ने पक्का किया था खिताब
जॉर्जिया के बाटुमी में पिछले करीब 3 हफ्तों से महिला चेस वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा था। दिव्या देशमुख ने पहले फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा, और फिर भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी भी फाइनल में पहुँच गईं। इससे यह तय हो गया था कि जीत चाहे जिसकी भी हो, खिताब भारत के हिस्से में ही आएगा और पहली बार कोई भारतीय महिला चेस वर्ल्ड कप चैंपियन बनेगी। मगर इस बार युवा जोश के आगे अनुभव को शिकस्त मिली।

कांटे की टक्कर और टाईब्रेक में फैसला
दिव्या और कोनेरू के बीच शनिवार, 26 जुलाई को फाइनल में पहली टक्कर हुई थी। इसमें 19 साल की इंटरनेशनल मास्टर दिव्या जीत के करीब नज़र आ रही थीं, मगर आखिरी मौके पर उन्होंने एक गलती की और कोनेरू ने वापसी करते हुए मैच को ड्रॉ करवा दिया। फिर रविवार को दोबारा दोनों की टक्कर हुई और इस बार भी मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। ऐसे में चैंपियन का फैसला करने के लिए टाईब्रेक की नौबत आई।

फाइनल के शुरुआती दोनों मैच क्लासिकल फॉर्मेट में खेले गए, लेकिन टाईब्रेक रैपिड फॉर्मेट में खेला जाना था। इस फॉर्मेट में 38 साल की कोनेरू को दिव्या की तुलना में ज्यादा मजबूत खिलाड़ी माना जा रहा था। मगर सोमवार, 28 जुलाई को हुए टाईब्रेक मुकाबले में कहानी एक दम पलट गई। दिव्या ने अपनी दोगुनी उम्र की कोनेरू को उनके ही गेम में फंसाया और गलती के लिए मजबूर कर दिया। आखिरकार दिव्या ने टाईब्रेक में शानदार जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। सिर्फ 19 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गई हैं। यह भी एक संयोग ही है कि उन्होंने यह बड़ी उपलब्धि भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर को हराकर ही हासिल की है।


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Content Editor

Mansa Devi

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