सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, दिल्ली से लेकर जम्मू तक दिखा अद्भुत नजारा

Sunday, Jun 21, 2020 - 12:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के उत्तरी हिस्सों में रविवार सुबह लगभग 10:25 बजे से वलयाकार सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना शुरू हो गई। सूर्य ग्रहण अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा और दिलचस्प बात यह है कि ग्रहण का पीक भारत के उत्तरी हिस्से में दिखाई देगा, जो सुबह 10:25 बजे से शुरू होकर 12:08 बजे अधिकतम ग्रहण और 01:54 बजे समाप्त हो जाएगा। 

गांधीनगर के आसमान में  दिखाई दिया SolarEclipse2020

मुंबई के आसमान में  दिखाई दिया SolarEclipse2020

इससे पहले वलयाकार ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को दक्षिण भारत से और आंशिक ग्रहण के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों से देखा गया था। अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में अगले दशक में दिखाई देगा, जो 21 मई 2031 को होगा, जबकि 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जाएगा। यह सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है और रविवार को है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा गया है। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एआरआईईएस या एरीज) ने इस सूर्य ग्रहण की सोशल मीडिया पर लाइव टेलिकास्ट की व्यवस्था की है।

राष्ट्रीय राजधानी के आसमान में दिखाई दिया SolarEclipse2020

जम्मू और कश्मीर में दिखाई दिया SolarEclipse2020

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा (अमावस्या के चरण में) सूरज की आंशिक या पूरी रोशनी को रोक लेता है और उसी हिसाब से आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्यग्रहण होता है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और घना अंधेरा छा जाता है जिसे उम्ब्रा और कम अंधेरे वाले क्षेत्र को पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहणों में सबसे दुर्लभ है। भले ही हर महीने अमावस्या आती हो, लेकिन हम ग्रहण को इतनी बार नहीं देख पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी-सूर्य प्लेन के लिहाज से चंद्रमा की कक्षा लगभग 5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। इस कारण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संयोग (एक ही सीध में) एक दुर्लभ खगोलीय घटना के तौर पर दिखाई देता है। 
 

उत्तराखंड के देहरादून में दिखाई दिया SolarEclipse2020

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिखाई दिया SolarEclipse2020

एरीज ने ग्रहण देखने के दौरान क्या करें और क्या न करें

  • ग्रहण देखने के लिए और आंखों को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए ग्रहण देखने वाले चश्मों (आईएसओ प्रमाणित) या उचित फिल्टर्स के साथ कैमरे का इस्तेमाल करें। 
  • वलयाकार सूर्य ग्रहण देखने का सबसे सुरक्षित तरीका पिनहोल कैमरे से स्क्रीन पर प्रोजेक्शन या टेलिस्कोप है।
  • ग्रहण के दौरान खाना-पीना, स्नान करना, बाहर जाने में कोई दिक्कत नहीं है।
  • नंगी आंखों से सूरज को न देखें, ग्रहण देखने के लिए एक्स-रे फिल्म्स या सामान्य चश्मों (यूवी सुरक्षा वाले भी नहीं) का इस्तेमाल न करें।
  • इसके अलावा ग्रहण देखने के लिए पेंट किए ग्लास का भी इस्तेमाल न करें। 
     

vasudha

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