6 महीनें के बेटे को गोद में लेकर लिए मां ने लिए सात फेरे

Tuesday, Mar 21, 2017 - 11:51 AM (IST)

बैतूल: सरकारी दफ्तर में रिश्वत देने के लिए 3,000 रुपए का इंतजाम न करने वाले दिव्यांग युवक भीम और युवती मीना एक साल से अंतरजातीय विवाह करने के लिए दर-दर भटकते रहे। सरकारी मंजूरी मिलने के इंतजार में 6 माह पहले एक बेटे का जन्म तो हो गया लेकिन विवाह नहीं हो सका। 

जिला प्रशासन ने ली विशेष रुचि
जब मामला सुॢखयों में आया तब जिला प्रशासन ने विशेष रुचि ली और 19 मार्च को होने वाले दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह में 6 माह के बेटे के सामने माता-पिता को 7 फेरे लेने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। संभवत: यह पहला मामला होगा जिसमें दिव्यांग माता-पिता की शादी में उनका 6 माह का बेटा बाराती ही नहीं घराती भी बनेगा।

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