जांच में जहर देने, खुदकुशी के प्रयास की बात खारिज, CBI ने इंद्राणी से पूछताछ की

Sunday, Oct 11, 2015 - 08:30 AM (IST)

मुंबई: इंद्राणी मुखर्जी के अस्पताल में भर्ती होने की घटना की जांच में आज उस समय नया मोड़ आ गया जब आईजी जेल की जांच में अधिक मात्रा में दवा के सेवन, जहर दिये जाने या खुदकुशी के प्रयास की संभावना खारिज हो गई। उधर, सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने आज शीना बोरा हत्या मामले में उनसे करीब छह घंटे पूछताछ की।  

जेल महानिरीक्षक बिपिन कुमार सिंह ने कहा, ‘‘न तो दवा की अधिक खुराक ली गई और न ही जहर दिया गया। उनकी हालत और ज्यादा खराब हो सकती थी क्योंकि उन्होंने थोड़े समय से दवाएं लेना बंद कर दिया था और वह कमजोरी से पीड़ित थीं।’’ 
 
उन्होंने कहा कि इंद्राणी पहले भी कई बार बेहोश हो चुकी हैं। उन्हेांने यहां बाइकुला जेल में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरा यह निष्कर्ष है कि किसी गड़बड़ी या साजिश का कोई सबूत नहीं है। आत्महत्या के प्रयास का भी कोई सबूत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इंद्राणी को गुवाहाटी में पिछले महीने उनकी मां के निधन के बारे में कल उनके वकील के सामने बताया गया। इससे पहले उन्हें काउंसिलिंग भी दी गई।  
 
आईजी ने कहा कि उनकी जांच में सभी कोणों पर ध्यान दिया गया। महाराष्ट्र के प्रधान सचिव गृह विजय बहादुर सिंह ने मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में कहा कि उनके मूत्र के नमूनों में कोकीन की मात्रा बहुत कम थी। उन्होंने कहा कि कोकीन की मात्रा न के बराबर थी और चूंकि वह अवसाद रोधी और बेचैनी रोधी दवाएं ले रही थीं, ऐसे में यह मूत्र में कोकीन की मात्रा का कारण हो सकता है। 
 
एडीजी जेल भूषण कुमार उपाध्याय ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा फलों और सब्जियों में कीटनाशक की मौजूदगी भी इन परीक्षणों में कोकीन की उपस्थिति दर्शाती है। सतबीर सिंह ने कहा, ‘‘उनके मूत्र में कोकीन की मात्रा 35 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर रक्त थी जबकि सामान्य स्तर 300 नैनोग्राम तक होता है।’’
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