टेरर फंडिंग मामला: आतंकी यासीन मलिक दोषी करार, दिल्ली कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला...खुद कबूला था गुनाह
Thursday, May 19, 2022 - 01:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JK LF) के आतंकी यासीन मलिक को लेकर दिल्ली की अदालत का बड़ा फैसला आया है। दिल्ली की अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में आरोप स्वीकार करने के बाद कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोषी करार दिया है। यहां बता दें कि यासीन ने खुद अपना गुनाह कबूला था।
मलिक ने हाल ही में, 2017 में कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने वाले कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष, कड़े गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और विभिन्न धाराओं के तहत लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर "हमेशा से ही भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।''
भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दी। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़ा है। 2019 में केंद्र सरकार ने JKLF पर प्रतिबंध लगा दिया था। यासीन अभी तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे हैं।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने एनआईए प्राधिकारियों को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए और सजा पर दलीलों के लिए मामले की सुनवाई के वास्ते 25 मई की तारीख तय की। मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करते। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।
इनका नाम भी आरोपपत्र में
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिन्हें मामले में घोषित अपराधी बताया गया है।