हरकतों से बाज नहीं आ रहा है आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू

Sunday, Feb 06, 2022 - 03:52 PM (IST)

-माहौल खराब करने के लिए पाकिस्तान का ले रहा है सहारा

नेशनल डेस्क: भारत के दुनिया भर में पड़ रहे अच्छे प्रभाव के कारण जहां विदेशों में रह रहे खालिस्तानी विचारधारा के अनेक आतंकियों ने भारतीय मुख्यधारा में शामिल होकर खालिस्तानी संघर्ष से किनारा कर लिया है, वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का गुर्गा आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा हैं। इस संगठन पर कनाडा और के. जैसे देशों ने भी नकेल कसनी शुरू कर दी है, जिसके चलते यह आतंकी अपनी नापाक मुहिम को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान का सहारा ले रहा है। हाल में पाकिस्तान में खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला ने आई.एस.आई. के आकाओं को खुश करने के लिए सिख्स फॉर जस्टिस के इशारे पर मुट्ठी भर लोगों के साथ कश्मीर की आजादी के नारे. लगाए हैं। हालांकि इस तरह के देश विरोधी तत्वों पर देश की खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर है और वे उनकी हर चाल पर भारी पड़ रही हैं।

चुनाव में माहौल खराब करने की कोशिश
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है। इन चुनावों की घोषणा के बाद प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने इसी दिन भारत से पंजाब को अलग देश बनाने के लिए पंजाब रैफरैंडम के नाम पर चुनाव बूथों के बराबर पूरे पंजाब में मतदान करवाने की गीदड़ भभकी दी है। यह पंजाब का माहौल खराब करने की एक साजिश है जो कभी सिरे नहीं चढ़ सकती है। जानकारों का कहना है कि आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू बीते वर्ष पंजाब विधानसभा चुनावों बराबर पंजाब रेफरैंडम बूथ लाने बात कर नई चर्चा छेड़ दी थी, लेकिन दुनिया में तीसरी बड़ी ताकत बने भारत के टुकड़े-टुकड़े करने सपने देख रही सिख्स फॉर जस्टिस के सपनों को भारतीय एजेंसियां कभी पूरा नहीं होने देंगी।

जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विचारों के साथ सहमति जताते खालिस्तानी विचारधारा को छोड़कर निर्वासन सरकार राष्ट्रपति सेवा सिंह लल्ली सहित बब्बर अन्य अनेक आतंकी संगठनों नेता माफी मांगकर भारतीय मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।

हाल ही में पाकिस्तान में खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला ने आई.एस.आई. के आकाओं को खुश करने के लिए सिख्स फॉर जस्टिस के इशारे पर मुट्ठी भर लोगों के साथ कश्मीर की आजादी के नारे लगाए हैं। हालांकि इस तरह के देश विरोधी तत्वों पर देश की खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर है और वे उनकी हर चाल पर भारी पड़ रही है।

Hitesh

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