आतंकवाद के खिलाफ एक मंच पर साथ आए मुस्लिम धर्मगुरु, बोले- भारत के खिलाफ षड़यंत्र रचता है पाकिस्तान

Monday, Nov 28, 2022 - 01:10 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत सरकार द्वारा पूरे विश्व में आतंकवाद के खिलाफ छेड़ी मुहिम में देश का हर वर्ग और समुदाय भी अब मुहिम का हिस्सा बन चुका है। 2008 में 26 नवम्बर को मुम्बई में हुए आतंकी हमले की बरसी पर कुछ ऐसा ही नजारा लखनऊ में सामने आया जब हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुस्लिम धर्मगुरू एक मंच पर आंतकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। आयोजन में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में उलमा शामिल हुए, जिन्होंने 10 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया। धर्मगुरुओं ने कहा कि पाकिस्तान के लाहौर में शिया समुदाय और भारत के खिलाफ षड्यंत्र तैयार किए जाते हें।

इस मौके पर आल इंडिया शिया हुसैनी फण्ड की ओर से शिया पीजी कालेज विक्टोरिया स्ट्रीट के सईदुल मिल्लत हॉल में चौथी अहलेबैत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमे देश भर से आये विद्वानों, धर्मगुरुओं (उलेमा) ने भाग लिया।कांफ्रेंस में वर्ष 2008 में 26 नवम्बर को मुम्बई में हुए आतंकी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कांफ्रेंस में शामिल उलेमाओं ने इस्लामिक स्टेट इराक, सीरिया को बर्बाद करने के बाद शिया बहुल ईरान को अपना निशाना बनाने की कड़े शब्दों में निंदा की और कांफ्रेंस में हाफिज सईद जैसे दुर्दांत आतंकियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग की गई।

अपने संबोधन में जामिया नाजमियां के प्रिंसिपल मौलाना हमीदुल हसन ने कहा कि हिन्दुस्तान में 135 करोड़ की आबादी में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। इनमें हमारी अलग पहचान इसलिए है कि हम हुसैनी हैं और हमारा मिशन हुसैनियत है। मौलाना ने आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए प्यार-मोहब्बत का पैगाम देने का आह्वान किया। आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव व प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि चरमपंथी मानवता और शिक्षा दोनों के दुश्मन हैं। यही वजह है कि अलकायदा जैसे संगठन शिक्षण संस्थाओं और वहां पढ़ने वाले मासूम बच्चों को निशाना बनाते हैं। शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि शिया समुदाय हमेशा से ही आतंकवाद का विरोधी रहा है। शियों के धार्मिक स्थलों और कार्यक्रमों को निशाना बनाया जाता है।

मुंबई से आए मौलाना जहीर अब्बास ने कहा कि विभिन्न धर्मों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए विवादित लोगों पर दुनिया भर में प्रतिबंध होना चाहिए। मौलाना एजाज अतहर ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान और सऊदी अरब आतंकी संगठनों के समर्थक और फंड उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि अजादारी आतंक के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देती है इसलिए आतंकी संगठन अजादारी पर हमले करते हैं। शिया हुसैनी फण्ड के महासचिव हसन मेहदी झब्बू ने कहा कि भारत में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। भारत में शिया समुदाय खुल कर धार्मिक कार्यक्रम और अजादारी करता है, जबकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों, धार्मिक कार्यक्रमों को निशाना बना आतंकी हमले किये जाते हैं और कथित इस्लामी मुल्क सऊदी अरब में अजादारी पर पाबंदी है। इसके अलावा कांफ्रेंस को देश के विभिन्न प्रांतों से आए उलमा और बुद्धिजीवियों ने संबोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।

अहलेबैत कांफ्रेंस में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और अब ईरान में आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से इन देशों में शियों की जान-माल और पवित्र स्थलों की सुरक्षा की मांग, पाकिस्तान में आतंकी हमलों की निंदा, सऊदी अरब के मदीना में जन्नतुल बकी में दुख्तरे रसूल और आइम्मा के मजारों के पुनर्निर्माण की मांग, अजादारी के खिलाफ अभियानों की निंदा, अजादारी के विरोध में बयान देने वाले उलमा व जाकिरों का विरोध, केंद्र और प्रदेश सरकारों से सरकारी योजनाओं में शियों को उचित प्रतिनिधित्व देने, जम्मू-कश्मीर में शिया मुस्लिमों को सरकारी योजनाओं में शामिल करने, देश में आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था के बेहतर प्रबंधन के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों का धन्यवाद देने के साथ ही देश में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए भी धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया।

Anil dev

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