जैश के आतंकी हमलों ने 20 साल में 2 बार भारत-पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर किया खड़ा

Sunday, Mar 03, 2019 - 04:38 PM (IST)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दुस्साहसिक आतंकवादी हमले उसके ‘गजवा-ए-हिंद’ (भारत के खिलाफ पवित्र युद्ध) का हिस्सा हैं, जिसने इसे सबसे घातक आतंकवादी समूह में बदल दिया और इस संगठन ने दो दशकों में दो बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर ला दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले 20 वर्षों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में पठानकोट एयरबेस, उरी में सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला, श्रीनगर में बादामीबाग कैंट पर हमले और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पास बम विस्फोट शामिल हैं।

भारत पर आतंकी हमलों पर एक नजर
एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान 2001 में उस समय युद्ध की कगार पर आ खड़े हुए थे, जब जैश ने भारतीय संसद पर हमला किया था। गत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर यही स्थिति बनी।

  • अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन ने 27 नवम्बर, 2017 को पाकिस्तान के ओकारा जिले में एक सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें भारत-पाकिस्तान संबंधों को ध्यान में रखे बिना ‘गजवा-ए-हिंद’ जारी रखने का संकल्प लिया गया था।
  • 24 दिसम्बर, 1999 में इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान आईसी-814 का अपहरण किए जाने पर 31 दिसम्बर, 1999 को आतंकी षडयंत्रकर्त्ता मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा किए जाने के बाद जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया था। इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है।
  • घाटी में अप्रैल 2000 में किए गए हमले में 30 सैनिक शहीद हो गए थे।
  • जून 2000 में श्रीनगर के बटमालू में एक बस स्टैंड पर हुए हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गए थे। 1 अक्तूबर, 2001 को जम्मू कश्मीर विधानसभा पर बम विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुई थी।
  • 13 दिसम्बर, 2001 को संसद पर हुए हमले में नौ सुरक्षाकर्मी तथा अधिकारी मारे गए थे।
  • 11 सितम्बर 2001 को हुए हमले के ठीक तीन महीने बाद विधानसभा पर हमला और अफगानिस्तान में तोरा बोरा की गुफाओं में लादेन पर नकेल कसने के एक हफ्ते बाद संसद पर हमला हुआ।
  • गुलाब नबी आजाद के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से कुछ घंटे पहले दो नवम्बर, 2005 को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते ने श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में एक शक्तिशाली कार बम हमला किया जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए थे।
  • जैश के एक सशस्त्र समूह ने दो जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
  • जैश-ए-मोहम्मद ने 18 सितम्बर, 2016 को उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 17 सैनिक शहीद हो गए थे और 30 अन्य घायल हो गए थे।
  • पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया जिससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है।

Seema Sharma

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