नंदलाला के स्वागत में सज गए मंदिर, पहली बार कान्हा नगरी में नहीं दिखेगी भक्तों की धूम

Tuesday, Aug 11, 2020 - 10:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कृष्ण जन्माष्टमी एक ऐसा त्यौहार है जिसका पूरा देश बेसर्बी से इंतजार करता है। मथुरा से लेकर मुंबई तक कृष्ण जन्म की धूम देखते ही बनती है, देश ही नहीं समूची दुनिया में इसकी चर्चा होती है।  हालांकि इस बार ऐसा देखने को नहीं मिलेगा, मंदिरों में साज-सज्जा, परम्पराओं का निर्वहन, जन्माभिषेक आदि सभी कुछ तो होगा लेकिन मंदिर में दर्शन का मौका नहीं मिलेगा। कोरोना संकट के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ऐसे में भक्त टीवी के सहारे ही लला के दर्शन कर सकेंगे। 

दुनिया भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी रात में मनाने की परंपरा है वहीं वृन्दावन के तीन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दिन में मनाई जाती है। इन तीन देवालयों में राधारमण मन्दिर एवं राधा दामोदर मन्दिर वृन्दावन के सप्त देवालयों में प्रमुख मन्दिर हैं। तीसरा देवालय टेढ़े खम्भेवाले मन्दिर के नाम से मशहूर शाह जी मंदिर है। परंपरा के अनुसार इन तीनों मन्दिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर का अभिषेक कई मन दूध, दही, बूरा, शहद, घी तथा औषधियों से कई घंटे किया जाता है तथा अभिषेक पूरा होने और आरती के बाद यह चरणामृत वृन्दावनवासियों एवं तीर्थयात्रियों में बंट जाता है। 

यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है। इस बार करोनावायरस के संक्रमण को रोकने की दिशा में लगे प्रतिबंधों विशेष रूप से सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के कारण ही जन्माष्टमी पर जिस प्रकार श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर नही खुलेंगे,उसी प्रकार चरणामृत लेने के लिए आनेवाली भीड़ के कारण इस बार राधा दामोंदर मन्दिर के बाहर चरणामृत का वितरण नही होगा क्योंकि चरणामृत के वितरण के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल होगा। कोरोना वायरस के प्रतिबंधों को पालन कराने विशेष रूप से सामाजिक दूरी बनाए रखने में आनेवाली अड़चन के कारणइस बार वृन्दावनवासियों तथा तीर्थयात्रियों में पंचामृत का वितरण भी नहीं किया जाएगा।

वहीं मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान की बात करें तो वहां भगवान का जन्मोत्सव पारम्परिक तौर पर धूमधाम से मनाया जाता रहा है जिसकी देश ही नहीं, समूची दुनिया में चर्चा होती है। लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते मंदिरों के प्रबंधकों एवं जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर तय किया है कि सजावट एवं पूजन आदि तो पूर्ववत रहेगा परंतु दर्शनार्थियों के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे। जिला प्रशासन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के सजीव प्रसारण की व्यवस्था करेगा। सभी श्रद्धालु मंदिरों में में जाने के बजाय अपने घरों में रहकर ही सीधा प्रसारण देख सकेंगे। 

vasudha

Advertising