हाजिर जवाबी में उस्ताद तेमजेन इमना अलॉन्ग, 'सिंगल्स मूवमेंट' से लेकर छोटी आंखों वाला बयान रहा सुर्खियों में

punjabkesari.in Wednesday, Jul 13, 2022 - 03:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तेमजेन इमना अलॉन्ग, यह नाम शायद ही आपने कभी सुना हो या इनको कभी देखा हो लेकिन इन दिनों यह काफी चर्चा में हैं। गोल-मटोल चेहरा, छोटी-छोटी आंखें, चेहरे में क्यूट-सी मुस्कान और सिर पर जूड़ेनुमा चोटी वाले तेमजेन इमना अलॉन्ग को अब लोग भूलेंगे नहीं। तेमजेन की बातें और हाजिर जवाबी के कारण वे छाए हुए हैं। 

PunjabKesari

कौन हैं तेमजेन इमना अलॉन्ग

अलॉन्ग नॉर्थ ईस्ट से ताल्लुक रखते हैं और फिलहाल वह नागालैंड सरकार में मंत्री हैं। वे सूबे की कैबिनेट में उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों का कामकाज संभालते हैं। वह भाजपा नागालैंड के चीफ भी हैं। दरअसल, 11 जुलाई, 2022 को उन्होंने देश में आबादी पर चल रहे डिबेट के बीच कहा था कि लोग भी उनकी तरह सिंगल रहें। बस अपने इस बयान को लेकर वह सुर्खियों में आ गए और लोग उनके बारे में सर्च करने लग गए कि आखिर ये हैं कौन। अलॉन्ग ने ट्वीट किया था कि "विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के मौके पर आइए हम आबादी में बढ़ोतरी के मुद्दों के प्रति समझदार हों और बच्चे पैदा करने पर सूचित विकल्प पैदा करें। या फिर मेरी तरह सिंगल रहें और एक साथ हम एक स्थाई भविष्य की दिशा में मदद कर सकते हैं। आइए आज सिंगल्स मूवमेंट में शामिल हों।"

 

लोगों की छोटी आंखों पर कही ये बात

अलॉन्ग का एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की छोटी आंखों के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, "लोग कहते हैं कि पूर्वोत्तरवासियों की आंखें छोटी होती हैं। हां, हमारी आंखें छोटी हैं, पर मैं अच्छे से देख सकता हूं।" उनके इतना कहते ही कार्यक्रम में जमकर तालियां बजी थीं। उन्होंने कहा था कि "छोटी आंखें होने का फायदा यह है कि अंदर गंदगी कम जाती है। साथ ही जब मंच पर आप बैठते हैं और कार्यक्रम लंबा चल जाता है, तब हम एक तरीके से सो भी जाते हैं, किसी को पता भी नहीं चलता।

 

शेयर किया ताजमहल का किस्सा

पूर्वोत्तर के लोगों की व्यथा सुनाते हुए उन्होंने एक वीडियो में बताया कि जब वह ताजमहल घूमने गए थे तो उन्हें अलग लाइन में कर दिया गया था। काफी मशक्कत के बाद साबित कर पाए कि वह हिंदुस्तानी हैं। तेमजेन इमना अलांग ने बताया, 'हम 1999 में ताजमहल देखने गए थे। उस समय आम आदमी की लाइन में देशवासियों के साथ हम भी लग गए। इतनी लंबी लाइन के बाद जब काउंटर में पहुंचे तो दो लोग मुझे दूसरी लाइन में लेकर गए। मुझे मालूम नहीं था। उस समय अंदर घुसने के लिए 20 डॉलर लेते थे। लेकिन हमने तो 20 डॉलर कभी जीवन में देखे भी नहीं थे।' 'मुझे बहुत कन्वेंस करना पड़ा कि हम हिंदुस्तानी हैं और नगालैंड से हैं। तो किसी ने यह भी पूछा कि कौन-सा लैंड स्विट्जरलैंड या फिनलैंड। हम उस दिन को नहीं भूलते हैं।'

 

बता दें कि अलॉन्ग 15 जनवरी, 2022 से नागालैंड भाजपा इकाई के प्रमुख हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में अलॉन्गतकी (Alongtaki) निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे। वह इसके अलावा उसी साल नेफियू रियो की सरकार में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News