तेजस ट्रेन: यात्री किराया से नहीं बल्कि IRCTC को इस तरह से मुनाफे का भरोसा

Wednesday, Oct 02, 2019 - 03:54 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में पहली बार किसी नियमित ट्रेन का संचालन अपने हाथ में लेने वाली वाले भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को इसके परिचालन में मुनाफे के लिए किराये की बजाय विज्ञापन से उम्मीद है। आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक ट्रेन परिचालन का खर्च 18 लाख रुपये प्रति दिन है। इसमें दिल्ली से लखनऊ और वापसी के सफर का खर्च शामिल है। सिर्फ किराये से यह खर्च नहीं निकल सकता और इसलिए कंपनी विज्ञापन पर फोकस करेगी। उन्होंने बताया कि ट्रेन के डिब्बों पर बाहर तो विज्ञापन होगा ही, ट्रेन के अंदर भी विज्ञापन से कमाई के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। 

अधिकारी ने बताया कि ट्रेन, रेल की पटरियों, यार्ड सिग्नलिंग आदि के इस्तेमाल के लिए उसे रेलवे को भारी-भरकम भुगतान करना है। साथ ही ट्रेन के ड्राइवर एवं गार्ड भी रेलवे के कर्मचारी होंगे जिसके लिए आईआरसीटीसी रेलवे को भुगतान करेगा। खान-पान का खर्च भी आईआरसीटीसी को स्वयं वहन करना होगा। किराये में ही यात्रियों खाने का शुल्क भी शामिल है और इसलिए इससे अलग से कमाई नहीं होगी। तेजस ट्रेन को लखनऊ रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे जबकि आम लोगों के लिए वाणिज्यिक परिचालन 05 अक्टूबर को शुरू होगा। 

मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के शेष सभी छह दिन इसका परिचालन किया जायेगा। दिल्ली-लखनऊ तेजस ट्रेन में कुल 758 सीटें हैं। इनमें 702 सीटें एसी चेयर कार में और 56 सीटें एग्जेक्यूटिव चेयर कार में होंगी। सभी सीटें भरने की स्थिति में भी प्रति सीट औसतन 2,375 रुपये की आमदनी होने पर ही किराये से कंपनी का खर्च निकल सकेगा। एसी चेयर कार के लिए दिल्ली से लखनऊ का न्यूनतम किराया 1,280 रुपये और लखनऊ से दिल्ली का न्यूनतम किराया 1,125 रुपये रखा गया है। एग्जेक्यूटिव चेयर कार के लिए दिल्ली से लखनऊ का न्यूनतम किराया 2,450 रुपये और वापसी का 2,310 रुपये रखा गया है। हालांकि इस ट्रेन में विमानों की तरह फ्लेक्सी किराया होगा यानी सीटों की उपलब्धता और बुकिंग कितने पहले हो रही है, इस आधार पर किराया बढ़ भी सकता है। मुफ्त बीमा और ट्रेन के देरी से चलने पर मुआवजे की व्यवस्था के कारण भी आईआरसीटीसी के परिचालन लागत में वृद्धि होगी। 

Anil dev

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