शिक्षक ने जबरदस्ती बच्ची को फूल देने की कोशिश, SC ने कहा- सजा हो सकती है

Thursday, Mar 14, 2024 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के अनुसार लड़कों के स्कूल अध्यापक द्वारा एक नाबालिग छात्रा को फूल भेंट करना और उसे दूसरों के सामने लेने के लिए दबाव डालना POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न का मामला माना जाएगा। अगर कोई शिक्षक किसी बच्ची को फूल देता है तो उसे पॉस्को एक्ट के तहत सजा हो सकती है।

इस मामले में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति संदीप मेहता सुनवाई कर रहे थे। पीठ ने तमिलनाडु ट्रायल कोर्ट और मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए फैसले को पलट दिया, जिसने शिक्षक को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

पीठ ने कहा, 'हम राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील की इस दलील से पूरी तरह सहमत हैं कि किसी भी शिक्षक द्वारा छात्रा (जो नाबालिग भी है) का यौन उत्पीड़न गंभीर प्रकृति के अपराधों की सूची में काफी ऊपर होगा क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम होते हैं, जो कार्यवाही के पक्षकारों से कहीं अधिक प्रभावित होते हैं।'


 

 

Radhika

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