13 साल में पहली बार बदला Tata Family का नियम, जानिए रतन टाटा के बाद क्या बदल गया?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 12:01 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः नोएल टाटा (Noel Tata) को टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) के बोर्ड में शामिल किया गया है। यह नियुक्ति उन्हें टाटा ट्रस्ट्स के नामित सदस्य के रूप में दी गई है। पिछले महीने रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद, उन्हें टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार, दिवाली की पूर्व संध्या पर टाटा संस की एक वर्चुअल मीटिंग में इस संबंध में एक ऑनलाइन प्रस्ताव पारित किया गया। नोएल टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के बोर्ड में भी सक्रिय हैं। 2011 के बाद से वह टाटा परिवार के पहले सदस्य होंगे जो एक साथ टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस दोनों के बोर्ड में शामिल हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है।

67 वर्षीय नोएल टाटा के बोर्ड में शामिल होने के साथ अब टाटा संस के बोर्ड में टीवीएस के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और रक्षा मंत्रालय के पूर्व नौकरशाह विजय सिंह सहित टाटा ट्रस्ट्स के तीन नामित निदेशक हैं। नोएल टाटा, सिंह, श्रीनिवासन और मेहली मिस्त्री वर्तमान में टाटा ट्रस्ट्स को नियंत्रित करने वाली कार्यकारी समिति का हिस्सा हैं। इस नियुक्ति पर टाटा संस ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

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टाटा संस का बोर्ड

टाटा संस के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के मुताबिक टाटा ट्रस्ट्स बोर्ड के एक तिहाई डायरेक्टर्स को नामित कर सकते हैं। वर्तमान में, टाटा संस बोर्ड में नौ डायरेक्टर हैं। इनमें चेयरमैन एन चंद्रशेखरन सहित दो एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, नोएल टाटा, श्रीनिवासन और सिंह सहित तीन नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरऔर चार इंडिपेंडेंट डायरेक्टर शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के बाद नोएल टाटा ने चंद्रशेखरन से मुलाकात की। नोएल टाटा अभी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, ट्रेंट और वोल्टास के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन के रूप में कार्य करते हैं। साथ ही वह टाइटन और टाटा स्टील में वाइस-चेयरमैन और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद भी संभाल रहे हैं। रतन टाटा टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन और टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस थे। 2022 में टाटा संस बोर्ड ने अपने एओए में संशोधन किया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक ही व्यक्ति दोनों का प्रमुख न हो।

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रिटायरमेंट की उम्र

नोएल टाटा ने 65 वर्ष की आयु में ग्रुप की कंपनियों में अपना एग्जीक्यूटिव रोल छोड़ दिया था। ग्रुप में इस उम्र में रिटायर होना पड़ता है। एग्जीक्यूटिव्स के लिए भी 70 वर्ष की आयु में सभी बोर्ड पदों को छोड़ना अनिवार्य है। हालांकि, ट्रस्टी या चेयरमैन के लिए रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं है। ग्रुप के करीबी विशेषज्ञों ने कहा कि नोएल टाटा के ग्रुप कंपनियों के चेयरमैन बने रहने पर कोई कानूनी समस्या नहीं हैं क्योंकि यह एक गैर-कार्यकारी भूमिका है।

अप्रैल 2014 में नोएल टाटा ग्रुप की रिटेल डिवीजन ट्रेंट के चेयरमैन बने। उन्होंने एफएच कवारना की जगह ली थी। उनके नेतृत्व में ग्रुप की रिटेल चेन का रेवेन्यू 430% बढ़कर वित्त वर्ष 2014 में 2,333 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 12,375 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी 19 करोड़ रुपये के घाटे से उबरकर 1,477 करोड़ रुपये के प्रॉफिट पर पहुंच गई।

कंपनियों का प्रदर्शन

अगस्त 2017 में नोएल टाटा ने वोल्टास के चेयरमैन का पद संभाला। तब से कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2017 में 6,404 करोड़ रुपये से दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024 में 12,481 करोड़ रुपये हो गया। अगस्त 2017 से कंपनी के शेयर में लगभग 300% की ग्रोथ हुई है। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प मुख्य रूप से लिस्टेड और नॉन-लिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश करने में लगी हुई है। पिछले पांच वर्षों में कंपनी के शेयर ने 705% रिटर्न दिया है। इस दौरान निफ्टी ने 102% रिटर्न दिया है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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