US में भारत के राजदूत होंगे तरणजीत सिंह संधू, दोनों देशों के रिश्तों को मिल सकते हैं नए आयाम

Wednesday, Jan 15, 2020 - 05:33 PM (IST)

वॉशिंगटनः  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फरवरी में होने वाले भारत दौरे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के मध्य तालमेल बढ़ाने के लिए भारतीय विदेश सेवा के अनुभवी अफसर तरणजीत सिंह संधू के नाम  को अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर तैनाती के लिए हरी झंडी दे दी है। तरणजीत सिंह संधू ने अपने तीन दशक से ज्यादा लंबे करियर के दौरान लंबे समय तक अमेरिका में काम किया है और उनके अमेरिकी डिप्लोमेट्स के साथ अच्छे संबंध हैं।
श्री लंका में हाई कमिश्नर के तौर पर अपनी मौजूदा तैनाती से पहले वह 2013 से लेकर 2017 तक वाशिंगटन डी सी में भारतीय मिशन के डिप्टी चीफ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने 2011 से लेकर 2013 तक फ्रेंकफर्ट में काउन्सिल जनरल आफ इण्डिया के पद पर भी कार्य किया है। उन्होंने अपने 32 साल के करियर में से करीब 15 साल अमेरिका में बिताए हैं लिहाजा उनके अमेरिकन डिप्लोमेटस के साथ साथ राजनीतिक दलों के साथ भी अच्छे सबंध हैं और उनकी अमेरिका में दोबारा तैनाती भारत- अमेरिका रिश्तों को नए आयाम दे सकती है।

 

1988 में भारतीय विदेश सेवा ज्वाइन करने वाले तरणजीत सिंह संधू को 32 साल का लंबा अनुभव है। अपने कार्यकाल के दौरान वह अमेरिका ,रूस ,श्री लंका सहित कई अन्य देशों में सेवाएं दे चुके हैं। एक नजर उनके करियर परः

  • जुलाई 2013- जनवरी 2017ः वाशिंगटन डी सी में भारतीय मिशन के डिप्टी चीफ
  • सितंबर 2011- जुलाई  2013ः फ्रेंकफर्ट में कौंसिल जनरल आफ इण्डिया
  • मार्च 2009- अगस्त 2011: विदेश मंत्रलाय बतौर संयुक्त सचिव यूनाइटेड नेशन और संयुक्त सचिव (प्रशासन)
  • जुलाई 2005- फरवरी 2009: यूनाइटेड नेशन में भारतीय मिशन में स्थाई तैनाती
  • 1997-2000ः वाशिंगटन डी सी में भारतीय दूतावास में सचिव (राजनीतिक)
  • दिसंबर 2000-सितंबर 2004: कोलंबो में इंडियन हाई कमीशन के राजनीतिक विंग के प्रमुख
  • 1990-1992ः सोवियत यूनियन में तृतीय सचिव (राजनीतिक)/द्वितीय सचिव (कमर्शियल)
  • 1992-1994ः कीव में भारतीय दूतावास में राजनीतिक और प्रशासनिक विंग के प्रमुख
  • 1994-1997ः विदेश मंत्रालय में  मीडिया के साथ तालमेल बनाने के लिए बतौर आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी तैनाती

 

श्रीलंका से रिश्ते में संधू का अहम योगदान

  • संधू को विदेश मंत्री एस जयशंकर का पसंद माना जाता है।
  • पीएम मोदी और नवनिर्वाचित श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजपक्षे गोटाबाया के बीच नए रिश्ते बनाने में उनका अहम योगदान था।
  • दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था।

वॉशिंगटन डीसी के लिए परिचित चेहरा हैं संधू 

  • अमेरिका के नए राजदूत बनने वाले तरणजीत सिंह संधू वॉशिंगटन डीसी के कूटनयिक गलियारों के लिए परिचित चेहरा हैं।
  • इससे पहले 2013 से 2017 तक उन्होंने डेप्युटी चीफ ऑफ मिशन इन वॉशिंगटन की जिम्मेदारी निभाई है।
  • वॉशिंगटन में भारतीय मिशन के तहत 1997 से 2000 में भी वह तैनात रहे थे। संधू के बारे में माना जाता है कि वॉशिंगटन की कार्य संस्कृति से अच्छी तरह परिचित हैं। 

व्यापारिक संबंधों पर रहेगा फोकस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित दौरे से पूर्व दोनों पक्षों ने दौरे की तैयारी शुरू कर दी है। ट्रंप के दौरे की तारीखों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है तो भारत की तरफ से भी अमेरिकी राष्ट्रपति की मेजबानी के लिए तैयारी की जा रही है। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय  व्यापार के अलावा आतंकवाद, अंदरूनी सुरक्षा, पर्यावरण,शिक्षा, स्वस्थ, साईंस एंड स्पेस सहित तमाम मुद्दों पर बात चीत हो सकती है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के जनवरी 2015 में हुए भारत दौरे के बाद दोनों पक्षों में करीब 50 बार बात चीत हो चुकी है। यह बात चीत सचिव स्तर और मंत्री स्तर पर भी हुई है लेकिन पिछले साल दोनों देशों के मध्य व्यापरिक संबंधों को लेकर तल्खी  आ गई थी और दोनों देशों ने एक दुसरे के उत्पादों पर ड्यूटी थोप दी थी, अब डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान इस तल्खी को समाप्त कर के व्यापर बढ़ाने पर फॉक्स रहेगा और इस  मुद्दे पर दुबारा बात चीत हो सकती है और इस बात चीत की जमीन तैयार करने में भी संधू अहम भूमिका निभा सकते हैं।

Tanuja

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