ऑफ द रिकॉर्डः पेचीदा प्रश्न-मोदी के बाद कौन? विपक्ष की तलाश

Thursday, Jan 24, 2019 - 08:23 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 जनवरी को कोलकाता में एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर 22 विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में सफलता प्राप्त की और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया। अधिकांश वक्ता ‘‘मोदी के बाद कौन?’’ के मामले को उठाने से बचते रहे। उन्होंने केवल इतना ही कहा कि देश ने मोदी के नेतृत्व में काफी बड़ा नुक्सान उठाया है और उनके लिए ‘लोकतन्त्र और संविधान को बचाना’ प्रमुख प्राथमिकता है। राकांपा नेता शरद पवार ने यह कहा कि देश ने पिछले 50 वर्षों के दौरान उनको काफी कुछ दिया जब वह 4 बार मुख्यमंत्री पद पर रहे और केन्द्र में भी सत्ता का सुख भोगा। उन्होंने कहा कि यह समय समाज को बचाने के लिए है। मैं किसी पद की इच्छा नहीं करता। यह समय बदलाव के लिए है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए विपक्ष के नेतृत्व के मामले को अनदेखा करते हुए कहा, ‘‘हम बदलाव चाहते हैं, हमें किसी पद की जरूरत नहीं, सोनिया गांधी जी ने कहा है कि सांप्रदायिक ताकतों को हराने का यही समय है।’’ मगर खड़गे ने उस समय इस संबंध में असहमति का एक स्पष्ट संकेत दिया जब उन्होंने कहा कि इस रैली में दिलों का मिलन नहीं हो सका मगर हमने मोदी को हटाने के लिए मिलकर चलने और हाथ मिलाने का फैसला किया है।

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने इस संबंध में सभी राजनीतिक पार्टियों और नेताओं से कहा कि हमें मीडिया द्वारा पूछे जाने वाले इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना होगा कि मोदी के बाद कौन? उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा काम है। हमें अपने मतभेद भुलाने चाहिएं। आज जे.पी. जैसा कोई नेता नहीं, न ही हमारे आसपास कोई वरिष्ठ नेता है। मैं विस्तार में जाना नहीं चाहता। आप जानते हैं मैं कांग्रेस द्वारा बाहर से दिए गए समर्थन की बदौलत 10 महीने के अल्पकाल के प्रधानमंत्री पद पर रहा और उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनवाईं। ममता बनर्जी ने इस प्रश्न को पूरी तरह अनदेखा कर दिया लेकिन विपक्षी पार्टियों को इस पेचीदा प्रश्न का उत्तर ढूंढना ही होगा।

Seema Sharma

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