जल्लीकट्टू पर तमिलनाडु को बनाना होगा विशेष कानून : HC

Friday, Jan 20, 2017 - 03:56 PM (IST)

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए शर्तो के साथ विशेष कानून बनाने का केंद्र और तमिलनाडु की सरकार को निर्देश देने के लिए दायर जनहित याचिका आज खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वह इस तरह का निर्देश नहीं दे सकती। तमिलनाडु सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन के प्रबंध न्यासी केके रमेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस के कौल और न्यायमूर्ति एम सुंदर की पीठ ने कहा कि न्यायालय इस तरह का निर्देश जारी नहीं कर सकता।

जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर बड़ी संख्या में लोगों के ‘‘गैरकानूनी’’ ढंग से एकत्र होने पर कार्रवाई की मांग करने वाली अधिवक्ता आर कृष्णमूर्ति की याचिका पर पीठ ने कहा कि यह प्रशासनिक मामला है और इस बारे में सरकार से संपर्क कीजिए। रमेश ने अपनी याचिका में कहा कि तमिलनाडु में पोंगल त्यौहार के उपलक्ष्य में यह खेल प्राचीन समय से खेला जाता रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में जल्लीकट्टू में कई लोगों की जान गई है लेकिन एक भी सांड की मौत नहीं हुई और न ही किसी सांड को प्रताडि़त किया गया। इसका सबूत सरकारी रिकॉर्ड में भी है।

जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के विरोध में राज्य भर में जारी आंदोलन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह इसके लिए विशेष कानून बनाए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के कारण तमिलनाडु में विशेष प्रजाति के सांडों की संख्या में गिरावट आई है।

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