ऑनलाइन गेमिंग को लेकर तमिलनाडु सरकार बरतेगी सख्ती, लगाएगी पूर्ण रोक
Thursday, Jan 06, 2022 - 06:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगायेगी। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने आज विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि सरकार निश्चित रूप से राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर पूर्ण रोक लगायेगी। राज्यपाल को उनके अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी अन्नाद्रमुक सदस्य वी वैथीलिंगम द्वारा उठाये गये एक प्रश्न का उत्तर देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिये पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कानून बनाया गया था।
हालांकि, मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त 2021 को इसे खारिज कर दिया था। स्टालिन ने कानूनी विशेषज्ञों की राय जानने के बाद उच्चतम न्यायालय में एक अपील दायर की और उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, 'जल्द ही राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर पूर्ण रोक लगायी जाएगी।' गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ ने पिछले साल तीन अगस्त को ऑनलाइन गेम की पेशकश करने वाली निजी कंपनियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवायी करने के बाद ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को रद्द कर दिया था।
सुनवायी के दौरान कोटर् ने माना था कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून संवैधानिक नहीं है. याचिकाकर्ताओं ने अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए तकर् दिया था कि वे देश भर में वैध व्यवसाय चला रहे हैं। फरवरी 2021 में राज्य सरकार ने साइबरस्पेस जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश को बदलने के लिए विधानसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया था, इसके तहत तमिलनाडु में पोकर और रमी जैसे ऑनलाइन गेम खेलने पर दो साल की कैद या 10,000 रुपये से अधिक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान शामिल था।
विधेयक के अनुसार हाल के दिनों में ऑनलाइन गेम खेलना कई गुना बढ़ गया है. इससे कई बेगुनाह लोग ठगे जा चुके हैं और आत्महत्याओं की घटनायें भी सामने आईं। ऐसी घटनाओं को रोकने और निर्दोष लोगों को ऑनलाइन गेमिंग की बुराइयों से बचाने के लिये साइबरस्पेस में जुआ खोलने और सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। नवंबर 2020 में तत्कालीन गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया था।