मोदी सरकार ने चेतावनी के बावजूद नहीं मानी मांगे, किसानाें ने पिया मूत्र

Saturday, Apr 22, 2017 - 08:00 PM (IST)

नई दिल्लीः जंतर-मंतर पर एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन करने रहे तमिलनाडु के किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। आंदोलन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने आज अपना मूत्र पिया। किसानों ने मोदी सरकार को धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह शनिवार को अपना मूत्र पीएंगे और अगर फिर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो रविवार को अपना मल खाएंगे। आंदोलन की अगुआई कर रही नेशनल साउथ-इंडियन रिवर्स लिंकिंग फार्मर्स असोसिएशन के स्टेट प्रेजिडेंट पी.अयाकन्नू ने कहा था कि हमें पीने के लिए तमिलनाडु में पानी नहीं मिल रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी इसकी अनदेखी कर रहे हैं, तो हमें अब अपने मूत्र से ही प्यास बुझानी पड़ेगी। ये किसान पिछले 38 दिनों से अलग तरीकों से आंदोलन कर सुर्खियां बटोर रहे हैं। कभी मानव कंकाल लेकर ताे कभी चूहे और सांप भी खाकर। इन लोगों का दावा था कि ये कंकाल उन किसानों के हैं, जिन्होंने आत्महत्या की है। इसके अलावा इन किसानाें ने नग्न होकर रायसीना हिल्स पर भी प्रदर्शन किया था।



क्या चाहते हैं किसान?
तमिलनाडु के किसान 38 दिनों से केंद्र से कर्जमाफी और वित्तीय सहायता की मांग के साथ धरने पर हैं। वे अब जंतर मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में एकत्र मूत्र के साथ बैठे हैं और सरकार से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे पहले विरोध जताते हुए ये किसान निर्वस्त्र हो चुके हैं। तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है। ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है। किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है।


 

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