तालिबान मंत्री का जहरीला बयानः हिंदू-सिख और अन्य गैर मुसलमान "चार पैरों वाले जानवरों" से भी बदतर

punjabkesari.in Sunday, Apr 13, 2025 - 12:21 PM (IST)

International Desk: अफगानिस्तान पर काबिज अंतरिम तालिबान सरकार के एक मंत्री ने गैर-मुसलमानों के खिलाफ घृणित बयान दिया है। तालिबान सरकार में सदाचार के प्रचार और दुराचार की रोकथाम मंत्री खालिद हनफी ने हिंदू और सिखों सहित सभी गैर-मुसलमानों को "जानवरों से भी बदतर" करार दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब तालिबान खुद भीतरी कलह से जूझ रहा है और काबुल की सत्ता के लिए अंदरूनी संघर्ष तेज है। गौरतलब है कि खालिद हनफी वही तालिबानी नेता हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर प्रतिबंध लगाने का फरमान सुनाया था, जिसे तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का समर्थन प्राप्त है।

 

टिप्पणी से विदेशों में मचा हंगामा
अफगान इंटरनेशनल के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले अफगान सिख और हिंदू प्रवासियों ने हनफी के इस जहरीले बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे भड़काऊ बताते हुए अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई। प्रवासियों ने चेतावनी दी कि इस तरह की जहरीली बयानबाजी से अफगानिस्तान में बचे-खुचे हिंदू और सिख समुदाय पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है। इससे डरकर कई लोग अपनी जान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए देश छोड़ने को मजबूर हो सकते हैं।

 

कौन है खालिद हनफी?
शेख अल-हदीस मोहम्मद खालिद हनफी नूरिस्तान प्रांत के दोआबी जिले के कोलम शहीद गांव में पैदा हुआ। उसके पिता हबीबुल्लाह तालिबान का वरिष्ठ कमांडर था। खालिद ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने दादा से प्राप्त की और 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उसने तालिबान के मुजाहिदीन गुट में शामिल होकर आतंक का रास्ता चुना। पहले दौर के तालिबान शासन में खालिद अपने भाई मौलवी रुस्तम के साथ जिहादी गतिविधियों में सक्रिय था। उसने निमरोज और डेलाराम जिलों में अपना लड़ाकों का गुट भी बनाया। एक मुठभेड़ में बुरी तरह घायल होने के बावजूद उसने तालिबान से नाता नहीं तोड़ा। आज वह तालिबान सरकार में सदाचार के प्रचार और दुराचार की रोकथाम मंत्रालय का मुखिया है और अफगान समाज पर कट्टर तालिबानी फतवों और कड़े सामाजिक प्रतिबंधों को थोपने के लिए कुख्यात है।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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