मोदी सरकार पर बड़ा हमला, राफेल डील में हुई दलाली की हाे जांच

Friday, Oct 21, 2016 - 12:12 PM (IST)

नई दिल्ली: योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है। स्वराज अभियान के दोनों नेताओं का आरोप है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार के दावे पूरी तरह खोखले हैं। यहां तक कि जिस विदेशी कंपनी को काली सूची में डालना चाहिए था, उसी से रफाल विमान का समझौता हुआ। स्वराज अभियान ने अपने अपने आरोपों के हक में दस्तावेज भी जारी किए।

केंद्र सरकार पर साधा निशाना
एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत भूषण ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व सीबीआई को है। लेकिन केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने सरकार से विमान समझौते से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक करने की मांग की ताकि शुरुआती बातचीत में तय हुई कीमत से दोगुने से ज्यादा पर हुए समझौते की वजह पता चल सके। प्रशांत के मुताबिक, मामला 2005 के नौसेना वॉर रूम से जुड़ी जानकारियों के लीक होने से जुड़ा है और रक्षा मंत्री ने कई मौकों पर माना है कि पनडुब्बी सौदे में घोटाला हुआ है।

योगेंद्र यादव ने की ये मांग
योगेंद्र यादव ने मांग की है कि केंद्र सरकार अभिषेक वर्मा व पनडुब्बी समझौते में कमीशन देने वाली कंपनी थेल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इसे काली सूची में डाला जाए। अभिषेक वर्मा और उनके सहयोगियों के साथ-साथ घोटाले में शामिल नेवी और आईएएफ के पदाधिकारियों के खिलाफ रक्षा संबंधी गोपनीय सूचना लीक करने का मामला दर्ज हो। साथ ही एडमंड एलन से मिले दस्तावेजों की जांच की जाए, जिसमें भाजपा सांसद व नेवी के अधिकारियों की महिलाओं के साथ बहुत सी तस्वीरें भी हैं।

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