Kolkata Doctor Murder Case में चौंकाने वाला खुलासा, हत्या के पीछे मानव अंगों की तस्करी का शक

punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 10:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में अब चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। CBI की जांच और डॉक्टर के सहपाठियों के बयानों से पता चला है कि ट्रेनी डॉक्टर को शायद मानव अंगों के अवैध कारोबार के पर्दाफाश को रोकने के लिए निशाना बनाया गया। CBI ने शनिवार को 13 लोगों से पूछताछ की और दो दिन में कुल 19 लोगों से पूछताछ की है। इसमें से कई लोगों ने अस्पताल में चल रहे अवैध कारोबार के बारे में जानकारी दी है। CBI की टीम का दावा है कि जल्द ही कई बड़े नाम सामने आएंगे।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मामले की जड़ें बहुत गहरी हैं। दुष्कर्म की घटना को सामान्य दिखाने की कोशिश की गई। एक सियासी दल के वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि उनके पास डॉक्टरों के वॉट्सएप ग्रुप के स्क्रीनशॉट्स हैं, जिनसे अस्पताल में सेक्स और ड्रग रैकेट का पता चलता है। इनमें एक अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेता और उनके भतीजे का भी जिक्र है।

CBI सूत्रों के अनुसार, इस सुराग के बाद मेडिकल कॉलेज के चार लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें तीन डॉक्टर और एक हाउस स्टाफ शामिल है। दावा है कि ये चारों एक सियासी दल से जुड़े हैं और अस्पताल में सेक्स व ड्रग रैकेट चला रहे थे। सीबीआई अधिकारी पुख्ता सबूत जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने शनिवार रात बांग्ला मीडिया से कहा कि इस घटना में पूरा डिपार्टमेंट शामिल है। उन्होंने यह भी संदेह जताया कि शव को सेमिनार रूम में लाकर सबूत मिटाने के लिए रखा गया हो।

कॉलेज के छात्रों के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर गंभीर आरोप

कॉलेज के छात्रों ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हें मेडिकल कॉलेज में चल रही अवैध गतिविधियों की जानकारी थी। छात्रों का कहना है कि घोष को सब कुछ पता था। CBI ने शनिवार को संदीप घोष से साढ़े 13 घंटे पूछताछ की। छात्रों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के लिए आने वाले लावारिस शवों को प्रैक्टिकल के लिए रखा जाता था और उन शवों से अंग निकाल लिए जाते थे। हालांकि, फिलहाल सीबीआई ने इस आरोप की पुष्टि नहीं की है।

कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में एक सियासी दल के वरिष्ठ नेता और उनके पुत्र का नाम सामने आया था। लेकिन जब कोई ठोस सबूत नहीं मिले, तो उन्हें संदेह के दायरे से हटा दिया गया। कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने पत्रकारों से कहा कि सिर्फ बयान के आधार पर और बिना ठोस सबूत के किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।


महिला डॉक्टर ने पहले इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई

एक अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि पीड़िता ने पहले स्वास्थ्य भवन में शिकायत की थी। लेकिन अभियुक्तों की प्रभावशाली स्थिति के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद वह सबूतों के साथ सोशल मीडिया पर मामला उजागर करने की योजना बना रही थी। अस्पताल में मेडिकल कचरे के निपटान और कुछ दवा और सामान की सप्लाई का काम अस्पताल के प्रबंधन के करीबी व्यक्ति को दिया गया था, लेकिन शर्तों के अनुसार सप्लाई नहीं की जा रही थी। इस बात का पता लगने के कारण भी हत्या की संभावना जताई जा रही है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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