सुषमा स्वराज का सपना रह गया अधूरा...

Thursday, Aug 08, 2019 - 07:19 PM (IST)

नैशनल डैस्क (रवि प्रताप): विश्व में बड़ा हो या छोटा हर कोई सपना देखता है और उसे पूरा करने की कोशिश भी करता है। लेकिन समाज में ऐसे भी लोग होते हैं जो खुद के लिए नहीं बल्कि समाज की भलाई के लिए सपना देखते हैं। ऐसी ही थीं दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज। सौम्य व्यवहार और मानवीय गुणों से परिपूर्ण सुषमा स्वराज ने 2014 में विदेश मंत्री का पदभार संभाला और न केवल भारतीयों की बल्कि कई विदेशियों की भी मदद की। 

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के 73वें सम्मलेन में भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुंबकम से विश्व को अवगत कराया और इसी दर्शन को आत्मशात करने वाली स्वराज ने न केवल विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद की बल्कि कई पाकिस्तानियों को मानवीय आधार पर भारतीय मेडिकल वीजा भी उपलब्ध कराया। करीब चार साल के दौरान इन्होंने विदेशों में फंसे दो लाख से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश लाने में सफलता भी पाई। 
एक सामान्य परिवार से आने वाली सुषमा आम आदमी को होने वाली परेशानियों से भली-भांति परिचित थीं। वह जानती थी कि अपने सपने पूरा करने के लिए कई भारतीय विदेश जाते हैं। लेकिन कई एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं और जरूरी दस्तावेजों के बिना विदेश चले जाते हैं। बाद में पूरे दस्तावेज न होने के चलते विदेश के कानून में फंस कर रह जाते हैं। फिर पछताते हैं। 


ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए जनवरी 2019 में सुषमा स्वराज ने ऐमिग्रेशन एक्ट 1983 का स्थान लेने के लिए ऐमिग्रेशन एक्ट 2019 का मसौदा संसद में पेश किया। इस मसौदे के तहत विदेश जाने वालों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलती और उनका शोषण होने से बचाने के कई प्रावधान किए गए हैं। लेकिन उस सत्र में इसकी प्रक्रिया पूरी ना होने के चलते उस सत्र में इस पर कोई फैसला ना हो सका और खराब तबियत के चलते 2019 के संसदीय चुनाव में इन्होंने हिस्सा नहीं लिया। नई सरकार का पहला संसदीय सत्र अभी चल रहा है। लेकिन उससे पहले ही दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया। ऐमिग्रेशन एक्ट 2019 को पारित करने का उनका सपना फिलहाल अधूरा ही रह गया।
जानिए क्या है एमिग्रेशन एक्ट 2019

Ravi Pratap Singh

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