सुलझ चुका है डोकलाम मुद्दा: सुषमा स्वराज

Wednesday, Aug 01, 2018 - 01:07 PM (IST)

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि डोकलाम मुद्दा ‘परिपक्व कूटनीति’ के माध्यम से सुलझाया जा चुका है और इसके बाद से संबंधित क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सुगत बोस के पूरक प्रश्न के उत्तर में स्वराज ने यह भी कहा कि वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनङ्क्षफग के बीच हुई बैठक का कोई विशेष एजेंडा नहीं था और ऐसे में डोकलाम का मुद्दा भी उसमें शामिल नहीं था।  उन्होंने कहा कि वुहान की बैठक की तैयारी के संदर्भ में वह खुद चीन गई थीं। वुहान की बैठक का तीन ध्येय था- दोनों नेताओं के बीच सहजता बढ़ाना, आपसी समझ बढ़ाना और परस्पर विश्चास बढ़ाना।  

चीन के रक्षा आ रहे हैं भारत
विदेश मंत्री ने कहा कि यह बैठक इन तीनों ध्येय को हासिल करने में सफल रही।  उन्होंने कहा कि वुहान की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक और दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर मुलाकात हुई।  स्वराज ने कहा कि ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर हुई मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में सहमित बनी कि दोनों देश की सेना को कहा जाएगा कि किसी विवाद की स्थिति में वे अपने स्तर से सुलझा लें। उन्होंने कहा कि इसी सहमति के बाद अब चीन के रक्षा मंत्री भारत आ रहे हैं और इस साल के आखिर में चीन के विदेश मंत्री का भी भारत दौरा हो रहा है।  

दक्षिणी चीन सागर में नौवहन की होनी चाहिए स्वतंत्रता
दक्षिण चीन सागर में चीन के वर्चस्व से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है कि दक्षिणी चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता होनी चाहिए।  इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री मौजूद थे। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के संदर्भ में सदन में प्रधानमंत्री के वकतव्य की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सुगत बोस ने कहा कि अब तक यह परंपरा रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण शिखर बैठक के बाद प्रधानमंत्री सदन को अवगत कराएं।  लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह प्रश्नकाल है और विदेश मंत्री बयान देने में सक्षम हैं।  

Anil dev

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