Surgical Strike: जानें, कैसे भारत के जवानों ने पाकिस्तान को दिया था करारा जवाब (video)

Saturday, Sep 29, 2018 - 01:26 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत द्वारा पाकिस्तान की जमीन पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे हो गए हैं। देश ने सेना के इस कारनामे पर गर्व जताया था। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। सर्जिकल स्ट्राइक उड़ी में आतंकी हमले में 18 जवानों की मौत का बदला था। भारत की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक में स्पेशल फोर्सेस ने आतंकवादियों के 7 लॉन्चिंग पैड को ध्वस्त कर दिया था। इसके साथ ही 38 आतंकी और 2 पाकिस्तानी सैनिक को मार गिराया गया था। भारतीय सेना योजनाबद्ध तरीके से 28-29 सितंबर की आधी रात पाकिस्तान की सीमा में 3 किलोमीटर के अंदर घुसी और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला। 

जानें क्या हुआ था उस दिन-

  • 29 सितंबर बुधवार की आधी रात 12.30 बजे पर भारतीय सेना के पैरा कमांडो की ओर से ऑपरेशन शुरू किया गया।
  • नियंत्रण सीमा रेखा के पास स्पेशल फोर्स के कमांडोज को हेलिकॉप्टर से उतारा गया था, इसके बाद यहां से वो पाकिस्तान सीम की तरफ बढ़े।
  • मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए एलओसी के पास 3 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की और पाक अधिकृत कश्मीर पहुंचे।
  • पीओके में हॉटस्प्रिंग, केल एंड लीपा और भीमबर सेक्टर में सेना ने कार्रवाई की।
  • सर्जिकल स्ट्राइक कर भारतीय सेना ने 7 आतंकवादियों के लॉन्चिंग पैड को ध्वस्त कर दिया।
  • भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए इस सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी और 2 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। भारत की तरफ से किसी के हताहत की खबर नहीं थी। मारे गए आतंकियों में उनके अलावा उनके कुछ गाइड और सहयोगी भी थे।
  • इस ऑपरेशन में हेलिकॉप्टर की भी अहम भूमिका रही थी। सैनिकों को उस जगह पर पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मिशन तड़के सुबह 4.30 बजे समाप्त हो गया था। 
  • सर्जिकल स्ट्राइक को महज चार घंटे के अंदर-अंदर पूरा कर लिया गया था। 


क्या है सर्जिकल स्ट्राइक 
सर्जिकल स्ट्राइक एक सुनियोजित सैन्य कारवाई होती है, जिसका उद्देश्य एक निश्चित लक्ष्य पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद करना होता है। इस कार्रवाई के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि आसपास रहने वाले लोगों, इमारतों और गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। इस प्रकार के ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सरकार, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है। यह एक त्वरित और प्रभावी कारवाई होती है और इस घटना के बाद किसी भी स्थिति से निबटने के लिए अतिरिक्त सैन्यबल को भी तैयार रखा जाता है।



म्‍यांमार की सीमा से सर्जिकल स्‍ट्राइक 
आपको बता दें कि 29 सितंबर को पाकिस्‍तानी सीमा में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले भारतीय जवानों ने 9 जून 2015 में म्‍यांमार की सीमा से लगते इलाके चंदेल में इसी तरह की सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी। इससे पहले 4 जून एनएससीएन-के के उग्रवादियों ने मणिपुर में सेना के काफिले पर हमला कर 18 जवानों की हत्‍या कर दी थी। इसका जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने यह सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी।
 



दो दिवसीय पराक्रम दिवस
भारतीय नौसेना ने वर्ष 2016 में रक्षाबलों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर मुंबई और गोवा में 29 सितंबर से दो दिवसीय कार्यक्रम की योजना बनाई है। इस कार्यक्रम में 29 सितंबर, 2016 को की गई सर्जिकल स्ट्राइक में सेना के साहसिक कृत्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पाकिस्तान के खिलाफ 2016 में नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर शनिवार को सशस्त्र बलों की बहादुरी की सराहना की। पार्टी के आधिकारिक ट्वीट में एक वीडियो संदेश के साथ कहा गया, "हम सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले बहादुर सैनिकों की बेजोड़ वीरता को सलाम करते हैं।" 


 

Anil dev

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