सर्जिकल स्ट्राइक 2 :नपा तुला मगर महत्वपूर्ण कदम

Tuesday, Feb 26, 2019 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सर्जिकल स्ट्राइक 2: सितम्बर 2016 में हुए उड़ी हमले के खिलाफ हमारी थल सेना की टुकड़ियों ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकी ठिकानों को भारी क्षति पहुंचाई। थलसेना ने नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित आतंकी शिविरों पर हमला किया और आतंकियों को मार गिराया। थल सेना की कार्रवाही की तैयारी में लंबा समय लगता है और उसकी पहुंच सीमित होती है। साथ ही अपने सैनिकों की सुरक्षा भी एक अहम् मुद्दा होता है। वहीं वायुसेना द्वारा न केवल शत्रु के इलाके में भीतर तक जा कर नुकसान पहुंचाया जा सकता है बल्कि इसमें समय भी कम लगता है और अपनी हानि भी कम से कम होती है। 

बालाकोट में हैं आतंकियों के अनेकों संगठन
बालाकोट स्थित आतंकी शिविर विभिन्न आतंकी संगठनों के लिए प्रशिक्षण का केंद्र है, जहां से प्रशिक्षित आतंकी न केवल भारत बल्कि अफगानिस्तान और इरान में भी आतंकी हमले करते रहे हैं। नियंत्रण रेखा से 50 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में आतंकी खुद को सुरक्षित महसूस करते थे क्यूंकि ये इलाका थल सेना की हद से बाहर है। ऐसे में 200 – 300 आतंकियों और उनके प्रशिक्षकों का एकमुश्त मारा जाना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे आतंकियों, पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तानी सरकार और आम जनता के साथ ही विश्व के अनेक देशों को भारत के आतंक के विरुद्ध दृढ निश्चय का सशक्त संकेत गया है।

आतंक का पूरा तंत्र पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में ही चलता है
आगे क्या? विदेश सचिव ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया है कि ये हमला आतंकियों के विरुद्ध किया गया है और हमारा उद्देश्य पाकिस्तानी आम जनता को नुकसान पहुंचाना नहीं था। साथ ही ये हमला पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए चेतावनी भी है कि वे आतंक के विरुद्ध कार्रवाही करें और आतंकियों को समर्थन देना बंद करें। पाकिस्तान के लिए विकट और विषम स्थिति है क्योंकि आतंक का पूरा तंत्र पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में ही चलता है। युद्ध जैसी स्थिति तो है पर इस के युद्ध में बदलने के आसार कम हैं क्योंकि पाकिस्तान आर्थिक, सैनिक और राजनीतिक, किसी भी तौर पर युद्ध नहीं झेल सकता। साथ ही पाकिस्तान पर विश्व की अन्य शक्तियों का भी दबाव बढ़ रहा है।

 भारतीय जवाबी कारवाही से पाकिस्तान में भय व्याप्त
ऐसे में भारत द्वारा प्रदर्शित संयम और साथ ही राजनीतिक इच्छाशक्ति ने हमारी छवि को मज़बूत किया है। पाकिस्तानी सरकार द्वारा अपने नागरिकों को पिछले कई दिन से युद्ध के लिए तैयार रहने की अपील की जा रही थी और हाल ही में वहां के राष्ट्रपति द्वारा दिया गया शांति प्रस्ताव ये स्पष्ट करता है कि भारतीय जवाबी कारवाही से वहां भय व्याप्त है। सीमा पर सेनाओं का जमावड़ा भी चल रहा है पर युद्ध अभी विकल्प नहीं है। हमारी सेनाओं ने एक बार फिर अपने सामर्थ्य और मारक क्षमता का परिचय दिया है जो कि कश्मीर और पाकिस्तान के अलगाववादी तत्वों के लिए चेतावनी है। इन सब के बीच समय है किसी भी बड़े आतंकी हमले से सचेत रहने का।

shukdev

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