सुरेश रैना पर कस सकता है कानूनी शिकंजा, गैरकानूनी सट्टेबाजी ऐप मामले ED के सामने हुए पेश
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 05:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। खबर है कि रैना का नाम एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा है, जिसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें तलब किया है। ईडी ने उन्हें 13 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था, और रैना निर्धारित समय पर दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर पहुंच भी गए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
रैना पर किस मामले में चल रही है जांच?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरेश रैना का नाम 1xBET नामक सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा है, जो भारत में गैरकानूनी माना जाता है। यह ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि रैना को इस ऐप का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया था। कंपनी की ओर से भी यह बात सार्वजनिक रूप से मानी गई है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेटर को “रिस्पॉन्सिबल गेमिंग एम्बेसडर” के तौर पर नियुक्त किया है।
#WATCH | Former Indian Cricketer Suresh Raina reaches ED office in Delhi to record his statement in 1xBet case following summons by the agency. pic.twitter.com/wJAw1gACt5
— ANI (@ANI) August 13, 2025
ईडी पूछ सकती है ये अहम सवाल
प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि:
रैना ने इस ऐप से कितनी कमाई की?
उन्हें कब और किस आधार पर ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया?
क्या वे सट्टेबाजी गतिविधियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल थे?
अगर सुरेश रैना केवल विज्ञापन के माध्यम से इस ऐप से जुड़े थे, और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है, तो उन्हें राहत मिल सकती है। लेकिन अगर वे सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें जेल तक की सजा हो सकती है।
पहले भी कई नामचीन हस्तियों से हो चुकी है पूछताछ
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़ी हस्ती से सट्टेबाजी ऐप को लेकर पूछताछ की गई हो। इससे पहले हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सोनू सूद और उर्वशी रौतेला जैसे नाम भी ऐसी जांच का हिस्सा बन चुके हैं।
क्या है 1xBET ऐप?
1xBET एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म है, जो भारत में प्रतिबंधित है। इसके ज़रिए लोग क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाते हैं। भारतीय कानून के तहत इस तरह की गतिविधियां अवैध मानी जाती हैं।