EC से बोला SC- लोकतंत्र का प्रहरी है मीडिया, रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकते

Monday, May 03, 2021 - 01:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मद्रास हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे निर्वाचन आयोग को शीर्ष अदालत से भी फटकार ही लगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के इस संकट के समय जमीनी हालातों से जज खुद भी बहुत परेशान हैं। आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें उसने कहा था कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा था कि अगर आयोग सख्ती से हर नियम लागू करता तो आज देश कोरोना से बेहाल नहीं होता। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने आयोग से कहा कि हम हाईकोर्ट्स को निरुत्साहित नहीं करना चाहते क्योंकि वे लोकतंत्र के महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं।

 

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मद्रास हाईकोर्ट की हमारे खिलाफ हत्या के आरोपों वाली टिप्पणी मीडिया में सुर्खियों में है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र में एक शक्तिशाली प्रहरी है, उसे हाईकोर्ट में चर्चाओं पर रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी आयोग को कमतर दिखाने के लिए नहीं थी बल्कि जिम्मेदारी का भान कराने की थी क्योंकि जज भी जमीनी हकीकत को जानते हैं और इससे जूझ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर जज कुछ कहते हैं तो वो जनहित के लिए होता है। वे लोग भी मनुष्य हैं, बाहर का माहौल देख उनको भी तनाव होता है, हम कुछ भी आदेश देकर अरपने हाईकोर्ट्स का मनोबल नहीं गिराना चाहते।

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो कुछ भी कहा, आयोग उसे अच्छी भावना से लें, भविष्य में भी आपको इससे और अच्छा काम करने का बल ही मिलेगा। वहीं आयोग ने कहा कि तमिलनाडु में चुनावों के 20 दिन बाद हाईकोर्ट कह रहा है कि हम पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए जबकि वहां तो चुनाव खत्म हो चुके थे। आयोग ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी 'अनावश्यक, असंतोषजनक एवं अपमानजनक थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

Seema Sharma

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