नेताओं के जाति संबंधित भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग को नोटिस जारी

Monday, Apr 08, 2019 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः नेताओं को भाषणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। राजनीतिक दलों को धर्म और जाति संबंधित भाषणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने वाली जनहित याचिका पर चुनाव आयोग को ये नोटिस जारी किया गया है। अगर किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रवक्ता मीडिया में धर्म या जाति संबंधित टिप्पणी करते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई की मांग इस याचिका में की गई है। प्रधानन्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने चुनाव आयोग से एक हफ्ते में जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि जैसे-जैसे मतदान की तारीक नजदीक आ रही है नेता खुलकर धर्म और जाति संबंधित भाषण दे रहे हैं। रविवार को देवबंद में बसपा, सपा, रालोद गठबंधन की पहली चुनावी रैली हुई। उसमे बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उसके साथ ही उन्होंने सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिमों की काफी संख्या बताते हुए कहा था कि आपके वोटों में बंटवारे की साजिश रची जाएंगी। विपक्षी लोग हर तरह के हथकंडे अपानाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए मुस्लिमों से अपील की कि वोटों का बंटवारा नहीं होने देना है।

मायावती ने अपने बयान ने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की गई तो हमारा गठबंधन इतना मजबूत है कि भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बसपा सुप्रीमो के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए सहारनपुर के जिला चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि निर्वाचन आयुक्त ने गठबंधन की रैली में दिए गए बयान पर रिपोर्ट मांगी है। धर्म के आधार पर वोट मांगने और ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताने वाले बयान पर रिपोर्ट भेजी जा रही है।

Yaspal

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