सिख विरोधी दंगा: न्यायमूर्ति खन्ना ने सज्जन कुमार की अपील की सुनवाई से खुद को किया अलग

Monday, Mar 25, 2019 - 06:20 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए गए कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की अपील की सुनवाई से एक बार फिर खुद को अलग कर लिया। सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है जिसे इस पूर्व सांसद ने शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है। 

उच्च न्यायालय ने सुनाई थी सज्जन कुमार को सजा
न्यायमूर्ति खन्ना ने इससे पहले 25 फरवरी को भी सज्जन कुमार की अपील की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। न्यायमूर्ति खन्ना उस समय प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल थे। सज्जन कुमार की अपील सोमवार को न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी। पीठ ने कहा कि इस अपील पर अब दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।  उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावनी इलाके में राज नगर पार्ट एक में एक और दो नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट दो में एक गुरूद्वारा जलाने की घटना से संबंधित मामले में 17 दिसंबर, 2018 को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 

दंगों में सिखों को निशाना बनाया गया था निशाना
न्यायालय के आदेश पर सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर को अदालत में समर्पण कर दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद सिख विरोधी दंगे भड़के थे। इन दंगों में सिखों को निशाना बनाया गया था और उनकी संपत्ति तथा धार्मिक स्थलों में आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इन दंगों में अकेले दिल्ली में ही 2700 से अधिक सिखों की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में दिल्ली की विशेष अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।      

Anil dev

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