मानसिक बीमारी के इलाज के लिए बीमा को लेकर SC ने केंद्र को भेजा नोटिस
Tuesday, Jun 16, 2020 - 01:24 PM (IST)
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मानसिक रोगियों को भी चिकित्सा बीमा सुविधा देने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से मंगलवार को जवाब तलब किया। वकील गौरव बंसल की ओर से दायर याचिका में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 की धारा 21 (4) के उल्लंघन का जिक्र करते हुए इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का न्यायालय से अनुरोध किया गया है। संबंधित धारा के तहत सभी बीमा कंपनियां मानसिक रोगियों के लिए भी चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। धारा 21(4) में कहा गया है, सभी बीमाकर्ता मानसिक रोग के इलाज के लिए चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराने के लिए उसी तरह बाध्य है, जैसे शारीरिक बीमारी के लिए। इसके बावजूद इसका पालन नहीं हो पा रहा है।
न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और इरडा को नोटिस जारी किये। न्यायालय ने केंद्र सरकार और बीमा कंपनियों पर निगरानी रखने वाली संस्था इरडा से पूछा है कि आखिर मानसिक रोगियों को बीमा क्यों नहीं दिया जा रहा है? नोटिस के जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि 2017 और 2018 में कानून में संशोधन कर मानसिक बीमारी को बीमा की श्रेणी में लाया गया था, इसके बावजूद बीमा कंपनियां इसका पालन नहीं कर रही हैं।